व्यंग
बीच बहस
‘जनता खिलौनों से खेले, देश से खेलने के लिए मैं हूं न!’
Janchowk -
इस बार के 'मन की बात' में प्रधानसेवक ने बहुत महत्वपूर्ण मुद्दे पर देश का ध्यान आकर्षित किया है। बात इतनी महत्वपूर्ण है कि लगा यह 'मन की बात' नहीं 'आत्मा की बात' है। पता नहीं क्यों लोगों को...
व्यंग्य
जो अशोक किया, न अलेक्जेंडर उसे मोशा द ग्रेट ने कर दिखाया!
मैं मोशा का महा भयंकर समर्थक बन गया हूँ। कुछ लोगों की नज़र में वे भले ही कापुरुष हों लेकिन मेरे हिसाब से वे महापुरुष हैं।
भारत के पहले आम चुनाव के बाद पहले प्रथम सेवक ने देश को एकजुट...
लेखक
प्रेमचंद के फटे जूते
Janchowk -
प्रेमचंद का एक चित्र मेरे सामने है, पत्नी के साथ फोटो खिंचा रहे हैं। सिर पर किसी मोटे कपड़े की टोपी, कुरता और धोती पहने हैं। कनपटी चिपकी है, गालों की हड्डियां उभर आई हैं, पर घनी मूंछें चेहरे...
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स्मृति शेष: सत्यजीत राय- वह जीनियस फ़िल्मकार जिसने पहली फिल्म से इतिहास रचा
सत्यजित राय देश के ऐसे फ़िल्मकार हैं, जिनकी पहली ही फ़िल्म से उन्हें एक दुनियावी शिनाख़्त और बेशुमार शोहरत...
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