कभी आय में बीडीओ को मात देने वाले किसान की हैसियत अब चपरासी के बराबर भी नहीं
‘उत्तम खेती मध्यम बान, निकृष्ट चाकरी भीख निदान’ की पुरानी उक्ति अब कृषि प्रधान देश में पूर्णरूप से उलट गई है। खेती-किसानी घाटे का सौदा [more…]
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