Saturday, April 27, 2024

bal

‘गर फिरदौस बर रुए ज़मीं अस्त; हमीं अस्तो, हमीं अस्तो, हमीं अस्त’

श्रीनगर। यह डल लेक है। सामने जो दृश्य दिख रहा है वह पीर पंजाल रेंज है। शायद ऐसा ही दृश्य देखकर जहांगीर ने फारसी में कहा था, 'गर फिरदौस बर रुए ज़मीं अस्त, हमीं अस्तो, हमीं अस्तो, हमीं अस्त'...

Latest News

ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...