Friday, April 19, 2024

Balkrishna Sharma

शब्दों की रौशनी से मिली आज़ादी कहां गई?

लाल किले के प्राचीर से हर साल देश के प्रधानमंत्री 15 अगस्त को इस बात का बखान करते हैं कि अब हम आज़ाद देश हैं और विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं लेकिन हर साल...

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‘ये बाबू संविधान बचाईं कि चिराग बाबू के जिताईं समझ में नाही आवत बा’

यह बात बिहार की करीब 60-65 वर्ष की पासी समाज की एक महिला ने कही। जब हम लोग संविधान...