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बीच बहस

सौंदर्य बोध : सोच,नजरिया और बाजार

सौंदर्य, हमेशा से हमारे लिए उत्सुकता का विषय रहा है। पहली बार सुंदरता का अहसास भी मानव को तब हुआ होगा जब उसने अपनी छवि [more…]

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संस्कृति-समाज

चैतन्य और सौंदर्य से बनती है कला : मंजुल भारद्वाज 

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चैतन्य और सौंदर्य मिलकर बनाते हैं कला। कला मनुष्य को मनुष्य बनाते हुए इंसानियत का भाव और चैतन्य जगाती है, जहां से जन्मते हैं मानवीय मूल्य [more…]