गुरशरण सिंह हमारे दौर के योद्धा थे। एक विलक्षण सांस्कृतिक महा-लोकनायक। एक ऐसी मशाल जो मनुष्य विरोधी हर अंधेरे को चीरने के लिए सदैव तत्पर रहती है। उन्होंने लोक चेतना के लिए जो किया और जैसा जीवन जिया, उसे...
जून-84 पंजाब कभी भुला नहीं पाया या भुलाने नहीं दिया गया। पंजाबी खास तौर से सिख लोकाचार में वह बरस किसी खंजर-सा गहरे तक धंसा हुआ है। एक जून, 1984 को अमृतसर की सरजमीं पर स्थित विश्वप्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर...