‘‘मैं आज बहुत ही प्रफुल्लित हूं। मैं जरूरत से ज्यादा प्रसन्न हूं। मैंने जिस क्षण हिन्दू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म स्वीकार किया है मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैंने नर्क से मुक्ति पा ली है।" ये शब्द डॉ....
बाबासाहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने अपनी पुस्तक ‘क्रान्ति और प्रतिक्रान्ति’ में लिखा है कि भारतीय इतिहास दो संस्कृतियों के बीच संघर्ष का इतिहास है। ये दो संस्कृतियाँ हैं- वैदिक ब्राह्मण संस्कृति तथा बौद्ध श्रमण संस्कृति। एक तरफ जहाँ वैदिक...
किसान आंदोलन का आज 40वां दिन है। इस बीच आज सरकार और किसान यूनियनों के बीच आठवें दौर की बातचीत दोपहर 2 बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में होनी है। आज की वार्ता के नतीजे आने वाले दिनों में...
गुरु शिष्य परंपरा भारतीय सभ्यता और संस्कृति का अभिन्न अंग रही है और भारतीय सभ्यता और संस्कृति ब्राह्मणवादी संस्कृति का ही दूसरा नाम है। इस दृश्यमान भौतिक जगत में ब्राह्मणवादी संस्कृति ने काल्पनिक ईश्वर की धारणा को जन्म दिया...