Tag: Congress

  • पीके-कांग्रेस जुदा-जुदा: तू भी खुश मैं भी, पर बीजेपी क्यों ज्यादा खुश?

    पीके-कांग्रेस जुदा-जुदा: तू भी खुश मैं भी, पर बीजेपी क्यों ज्यादा खुश?

    कांग्रेस खुश है कि पीके ने उसके ऑफर को ठुकरा दिया। यह खुशी कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के ट्वीट में नज़र आती है जिसमें वे पीके का आभार भी जताते हैं और यह भी बताते हैं कि ईएजी में उन्हें सीमित जिम्मेदारी के साथ जगह दी जा रही थी जिसके लिए उन्होंने मना…

  • आखिर क्या है कांग्रेस पार्टी का संकट?

    आखिर क्या है कांग्रेस पार्टी का संकट?

    सन् 2020, 2021 और 2022 के विधान सभा चुनावों के परिणामों के यदि देखें तो ये परिणाम कांग्रेस पार्टी के लिए काफी निराशाजनक रहे हैं। 2019 के विधान सभा चुनावों में कांग्रेस की छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में सरकार बनी थी। हालांकि इन विधान सभा चुनावों के कुछ महीनों बाद ही मई 2019 में…

  • प्रशांत किशोर को लेकर मच रहा शोर और उसकी हकीकत

    प्रशांत किशोर को लेकर मच रहा शोर और उसकी हकीकत

    पिछले कुछ दिनों से प्रशांत किशोर सुर्खियों में हैं। यह चर्चा जोरों पर है कि लगभग 135 वर्षों की अपनी यात्रा में संघर्ष और सत्ता तथा उत्थान एवं पतन का हर रंग देख चुकी कांग्रेस पार्टी को नवजीवन देने वाली अगर कोई संजीवनी बूटी है तो वह प्रशांत किशोर के पास ही है। जीवन भर…

  • क्या प्रशांत किशोर कांग्रेस को हिंदुत्व से लड़ने के लिए तैयार करेंगे ?

    क्या प्रशांत किशोर कांग्रेस को हिंदुत्व से लड़ने के लिए तैयार करेंगे ?

    आखिरकार प्रशांत किशोर को 2024 के चुनावों में कांग्रेस को उबारने की जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी। कई चुनावों में उन्होंने अपने हुनर का कमाल दिखाया है और उन लोगों ने राहत की सांस ली होगी जो नरेंद्र मोदी को सत्ता से बाहर करने में कांग्रेस को सफल देखना चाहते हैं। यह जगजाहिर है कि देश…

  • दो राहे पर प्रीतम सिंह, जायें तो जायें कहा?

    दो राहे पर प्रीतम सिंह, जायें तो जायें कहा?

    राजनीति की एक अजीब सी दुनिया है जहां न तो कोई किसी का स्थायी दोस्त होता है और न ही स्थायी दुश्मन। अब तो राजनीति में कोई स्थाई ठिकाना भी नहीं रह गया है। घर का रखवाला घर को लूटने लगता है और बाड़ भी कभी-कभी अपनी फसल बचाने के बजाय उसी को खाने लग…

  • उप चुनावों में विपक्ष का झंडा बुलंद

    उप चुनावों में विपक्ष का झंडा बुलंद

    नई दिल्ली। देश के विभिन्न राज्यों में हुए उपचुनावों में बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस तो बिहार में आरजेडी और छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र में कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली है। पश्चिम बंगाल की बैलीगंग विधानसभा सीट पर सीपीएम दूसरे नंबर पर आयी है। इसे सूबे में एक बड़े संकेत…

  • नये पदाधिकारियों को लेकर उत्तराखण्ड कांग्रेस में विद्रोह की नौबत 

    नये पदाधिकारियों को लेकर उत्तराखण्ड कांग्रेस में विद्रोह की नौबत 

    नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा के बाद उत्तराखण्ड कांग्रेस की रार थमने के बजाय बढ़ती जा रही है। ताजा विद्रोह के चलते पार्टी में 2016 के घटनाक्रम की पुनारावृत्ति की नौबत आ गयी है। समझा जाता है कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व प्रतिपक्ष के नेता प्रीतम सिंह के नेतृत्व में कम से…

  • सीपीआई(एम) की 23वीं कांग्रेस: संघर्ष की नई वामपंथी रणनीति के एकजुट संकल्प की कांग्रेस 

    सीपीआई(एम) की 23वीं कांग्रेस: संघर्ष की नई वामपंथी रणनीति के एकजुट संकल्प की कांग्रेस 

    केरल के कन्नूर शहर में सीपीआई (एम) की 23वीं कांग्रेस (6-10 अप्रैल 2022) पूरी भव्यता के साथ संपन्न हो गई। फिर से सीताराम येचुरी का महासचिव पद पर चुनाव और कुछ पुराने, जमे-जमाये नेताओं की विदाई और पोलित ब्यूरो में पहली बार एक दलित नेता को शामिल किया जाना इतने सरल और सीधे ढंग से…

  • माकपा की कन्नूर कांग्रेस: सीताराम येचुरी फिर माकपा महासचिव बने, नई सेंट्रल कमेटी में रिकॉर्ड 18 महिला सदस्य

    माकपा की कन्नूर कांग्रेस: सीताराम येचुरी फिर माकपा महासचिव बने, नई सेंट्रल कमेटी में रिकॉर्ड 18 महिला सदस्य

    भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (सीपीएम) यानि माकपा ने आज पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी को तीन-तीन बरस के लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए इस पद पर फिर चुन लिया।   माकपा के कन्नूर (केरल) में 5 से 10 अप्रैल तक आयोजित 23 वीं पार्टी कांग्रेस में 85 सदस्यों की नई सेंट्रल कमेटी सर्वसम्मति से चुनी गई।…

  • माकपा की कन्नूर कांग्रेस: दरकार है महिलाओं पर बढ़ते हमलों के खिलाफ व्यापक लामबंदी की 

    माकपा की कन्नूर कांग्रेस: दरकार है महिलाओं पर बढ़ते हमलों के खिलाफ व्यापक लामबंदी की 

    भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (सीपीएम) की कन्नूर (केरल) में छह अप्रैल से जारी 23 वीं पार्टी कांग्रेस में जितनी बहस के बाद ढेर सारे प्रस्ताव पास हुए और महंगाई से लेकर बेरोजगारी, कृषि संकट,महिलाओं, दलितों, धार्मिक-भाषाई अल्पसंख्यकों, आदिवासियों, छात्रों पर राजकीय संरक्षण में हिंसक हमलों के खिलाफ व्यापक लामबंदी के जन-आंदोलनों की रूपरेखा तय…