Tag: crisis

  • 113 पूर्व सिविल सेवकों ने पीएम को लिखा पत्र, कहा- सरकार अब प्रभावी कार्रवाई करे

    113 पूर्व सिविल सेवकों ने पीएम को लिखा पत्र, कहा- सरकार अब प्रभावी कार्रवाई करे

    कॉन्स्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप से जुड़े, 113 रिटायर्ड सिविल सेवा के अधिकारियों, जिनमें आईएएस, आईएफएस, आईपीएस और आईआरएस अधिकारी सम्मिलित हैं, ने प्रधानमंत्री मोदी को एक खुला पत्र लिखा है। पत्र मूल रूप से अंग्रेजी में है जिसका हिंदी अनुवाद रिटायर्ड आईपीएस अफसर विजय शंकर सिंह ने किया है। पेश है पूरा पत्र-संपादक)  ■  प्रिय प्रधान मंत्री…

  • कोविड की विनाशकारी दूसरी लहर को समझ पाने में किस चीज ने भारत सरकार की आंखों पर डाल दिया पर्दा?

    कोविड की विनाशकारी दूसरी लहर को समझ पाने में किस चीज ने भारत सरकार की आंखों पर डाल दिया पर्दा?

    (कोविड की विनाशकारी दूसरी लहर को समझ पाने के मामले में किस चीज ने सरकार की आंखों पर  डाल दिया? इस दुर्गति के मुख्य कारण हैं अंध राष्ट्रवाद, कुछ ही लोगों के हाथों में सत्ता का संकेंद्रण और हिंदुत्ववादी चिकित्सा पद्धति के प्रति आशक्ति ) आखिर मोदी सरकार कोविड महामारी की दूसरी लहर और उसके…

  • संकट काल में उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई न्यायपालिका

    संकट काल में उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई न्यायपालिका

    जिस तरह से मद्रास हाई कोर्ट द्वारा चुनाव आयोग पर की गई तल्ख टिप्पणियों को मीडिया में स्थान मिला है और जनता के एक बड़े वर्ग द्वारा इनका स्वागत किया गया है इससे यह स्पष्ट होता है कि आम जन मानस भी कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रसार के लिए चुनाव आयोग के अनुत्तरदायित्वपूर्ण आचरण…

  • कोविड-19 भी पूंजीवाद से पैदा होने वाला एक संकट

    कोविड-19 भी पूंजीवाद से पैदा होने वाला एक संकट

    जितने लोग दूसरे विश्वयुद्ध में मारे गये थे, उससे कहीं ज़्यादा लोग ‘तीसरे विश्वयुद्ध’ में मारे गये। यह तीसरा विश्वयुद्ध नज़र नहीं आया, लेकिन यह चार दशकों तक चलता रहा। पूंजीवाद की यही सबसे बड़ी ख़ासियत है कि वह दिखता नहीं, मगर सोसाइटी और लोगों को अंदर से खोखला करता जाता है। इस तीसरे विश्वयुद्ध…

  • इस संकट में वामपंथी, अंबेडकरवादी, समाजवादी और गांधीवादियों को होना होगा एकजुटः अखिलेंद्र

    इस संकट में वामपंथी, अंबेडकरवादी, समाजवादी और गांधीवादियों को होना होगा एकजुटः अखिलेंद्र

    किसान आंदोलन के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए स्वराज अभियान लोकतांत्रिक संगठनों, बुद्धिजीवियों व सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित कर रहा है। इसी क्रम में स्वराज अभियान के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अखिलेन्द्र प्रताप सिंह और आईपीएफ के बिहार प्रभारी पूर्व विधायक रमेश कुशवाहा ने भागलपुर के सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों के साथ चर्चा और…

  • अमेरिका में राजनीतिक-सामाजिक संकट और भारत के लिए सबक

    अमेरिका में राजनीतिक-सामाजिक संकट और भारत के लिए सबक

    अमेरिका में जो कुछ भी हो रहा है, उसे सिर्फ डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता की हवस और बदमाशी के रूप में देखना इस संकट का सतहीकरण और सरलीकरण करना होगा। ट्रंप चुनाव प्रचार के दौरान भी कहते रहे कि यदि वे चुनावों में पराजित होते हैं, तो कोई जरूरी नहीं है कि सत्ता छोड़ें और…

  • हाथरस गैंगरेप: पीड़िता के बाद अब परिजनों का सरकारी उत्पीड़न

    हाथरस गैंगरेप: पीड़िता के बाद अब परिजनों का सरकारी उत्पीड़न

    हाथरस गैंगरेप के मामले में एक महत्वपूर्ण अपडेट यह है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान ले लिया है। पीड़िता की हाथरस जिला प्रशासन द्वारा रात में चुपचाप अंतिम संस्कार कर दिए जाने के बारे में मीडिया में सरकार और प्रशासन पर लगातार उठ रहे सवालों पर संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट…

  • झारखंडः पिछली भाजपा सरकार की ‘नियोजन नीति’ हाई कोर्ट से अवैध घोषित, साढ़े तीन हजार शिक्षकों की नौकरियों पर संकट

    झारखंडः पिछली भाजपा सरकार की ‘नियोजन नीति’ हाई कोर्ट से अवैध घोषित, साढ़े तीन हजार शिक्षकों की नौकरियों पर संकट

    झारखंड के हाईस्कूलों में नियुक्त 13 अनुसूचित जिलों के 3684 शिक्षकों का भविष्य झारखंड हाई कोर्ट के एक फैसले से अंधकारमय हो गया है। झारखंड की पिछली भाजपा के रघुवर दास की सरकार के समय 2016 में बनाई गई नियोजन नीति की मार इन शिक्षकों पर पड़ी है। झारखंड हाई कोर्ट में इसी महीने 21…

  • किसानों और मोदी सरकार के बीच तकरार के मायने

    किसानों और मोदी सरकार के बीच तकरार के मायने

    किसान संकट अचानक नहीं पैदा हुआ। यह दशकों से कृषि के प्रति सरकारों की उपेक्षा का नतीजा है। हम इस विशेष लेख माला में किसान मुद्दे पर 25 सितम्बर को आयोजित किये जा रहे भारत बंद के सिलसिले में विभिन्न आयाम की गहन चर्चा करेंगे।  अर्थव्यवस्था भारतीय अर्थव्यवस्था का एक कड़वा सच यह है कि…

  • इलेक्टोरल बांड का रिटर्न गिफ्ट है निजीकरण

    इलेक्टोरल बांड का रिटर्न गिफ्ट है निजीकरण

    देश की अर्थव्यवस्था में हो रही गिरावट को समझने के लिए अर्थ सूचकांकों के अध्ययन करने की बहुत आवश्यकता नहीं है। बाजार और इंडस्ट्रियल एरिया का एक भ्रमण ही यह संकेत देने के लिए पर्याप्त है कि आर्थिक मोर्चे पर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। सरकार के पास एक ही नीति फिलहाल दिख…