Friday, March 29, 2024

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किसान आंदोलन को समर्पित रहा महेंद्र सिंह का शहादत दिवस, श्रद्धांजलि सभा में बिहार के सभी माले विधायक रहे मौजूद

झारखंड। सीपीआई (एमएल) के दिवंगत नेता कॉमरेड महेंद्र सिंह का 16वां शहादत दिवस किसानों के खिलाफ लाए गए तीनों काले कानूनों को रद्द करने की मांगों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन को समर्पित रहा। पूरे झारखंड में अलग-अलग...

जब दिल्ली में किसान और पुलिस होंगे आमने-सामने

किसान आन्दोलनकारी के नजरिये से, सर्वोच्च न्यायालय की नामित किसान कमेटी और मोदी सरकार के बनाये ‘काले’ कृषि कानून एक दूसरे के मौसेरे भाई सिद्ध हुए हैं। उसने दोनों को समान रूप से तिरस्कृत कर वर्तमान आन्दोलन के कूड़ेदान...

किसान आंदोलन में पहुंचे बौध भिक्षु, 8वें दौर की बातचीत आज

किसान आंदोलन का आज 40वां दिन है। इस बीच आज सरकार और किसान यूनियनों के बीच आठवें दौर की बातचीत दोपहर 2 बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में होनी है। आज की वार्ता के नतीजे आने वाले दिनों में...

देश को भुखमरी के रास्ते पर ले जाएंगे ने नए कृषि कानून!

क्या नए कृषि कानून केवल किसानों के लिए अहितकर हैं? शेष जनता का या कम से कम देश की आधी जनसंख्या का इससे कोई लेना देना नहीं है? यह सोचना, मानना और कहना पूरी तरह गलत है। खाद्यान्न की...

मानवाधिकार दिवस पर विशेष: महिलाओं के बिना असंभव थी मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा

यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स (यूडीएचआर) को उसका निर्णायक और अंतिम स्वरूप देने में महिलाओं की भूमिका प्रायः अचर्चित रही है जबकि वास्तविकता यह है कि बिना महिलाओं के योगदान एवं हस्तक्षेप के मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा सर्वसमावेशी...

बेरोज़गार इंडिया ने बिगाड़ी, नरेंद्र मोदी की बर्थ डे पार्टी

बेरोज़गार इंडिया ने नरेंद्र मोदी की बर्थडे पार्टी बिगाड़ दी। शाम से ही #17Baje17Minute ट्रेंड कर रहा है। इससे पहले आज सुबह से लेकर शाम तक #nationalUnemploymentDay और #राष्ट्रीय_बेरोजगार_दिवस ट्विटर पर सबसे ऊपर ट्रेंड करता रहा। #nationalUnemploymentDay तीसरे नंबर...

स्कूल और छात्र के बीच महज मध्यस्थ नहीं है अध्यापक

महामारी ने हमारी सामूहिक सोच को अव्यवस्थित कर दिया है। और यह मान लिया गया है कि दुनिया बिखर चुकी है। मैं खुद से एक जरूरी सवाल पूछता हूंः हम खुद को एक अध्यापक के बतौर कैसे परिभाषित करें?...

‘शिक्षक दिवस’ और सर्वपल्ली राधाकृष्णन के गौरव-गान के मायने

कहते हैं कि इतिहास एक ‘ट्रेचरस टेरेन’ है जहां बतायी जाने वाली चीजें कम होती हैं और छिपाई गई या तोड़-मरोड़कर बतायी जाने वाली चीजें ज्यादा। कुछ विद्वान इतिहास को ‘स्टेग्नोग्राफी’ के रूप में भी देखते हैं यानी एक...

दिखावटी आत्मविश्वास और कैमरों के लिए भी न मुस्कुराना

यह साधारण पंद्रह अगस्त नहीं था। पिछले तिहत्तर साल में ऐसा कभी नहीं हुआ, जब स्वतंत्रता दिवस बिना बच्चों, बिना झंडों, मिठाइयों और उल्लास के मनाया गया हो और इस बार भीड़ तो नहीं ही थी। इससे पहले कभी...

जयंती पर विशेष: आज़ादी की लड़ाई की मुकम्मल नींव थे बिस्मिल

"सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-क़ातिल में है" भारत की आज़ादी के आंदोलन में ये पंक्तियां क्रांतिकारियों का मशहूर नारा बनीं। 1921 में बिस्मिल अज़ीमाबादी द्वारा लिखी जोश-ओ-खरोश से लबरेज़ इन पंक्तियों ने जिस...

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क्या तमिलनाडु में भाजपा को अपने आक्रामक चुनाव अभियान से कुछ हासिल होगा?

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके सहित एआईडीएमके और भाजपा के द्वारा अपने-अपने गठबंधनों को अंतिम स्वरुप देने का काम लगभग...