Tag: Dr. Ambedkar
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आज के दौर में और भी ज्यादा प्रासंगिक हैं डॉ अंबेडकर के विचार
हमारे देश में कुछ ऐसे महापुरुष और मार्गदर्शक पैदा हुए हैं जो अपने समय से आगे की सोच रखते थे। महानायक भीमराव अंबेडकर भी ऐसे ही दूरदर्शी मनीषियों में से थे। वर्तमान समय में अंबेडकर की प्रासंगिकता और बढ़ गई है। उनके विचार और भी मानीखेज हो गए हैं। आज बाबा साहेब सिर्फ भारत में…
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न्यायपालिका में SC,ST और OBC के समुचित प्रतिनिधित्व के बिना कानून का राज संभव नहीं
विभिन्न जातियों और सम्प्रदायों में बंटे समाज में कानून का शासन, ऐसी न्यायिक व्यवस्था के द्वारा ही संभव है, जिसमें सभी समुदायों का उचित प्रतिनिधित्व हो। जजों और कर्मचारियों की नियुक्तियां, विभिन्न वर्गों और संप्रदायों के बीच से, उनकी संख्या के अनुपात में हों, जिससे हर वर्ग को न्याय का चेहरा न्यायिक लगे। आजादी के…
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क्यों इस्लाम-ईसाई धर्म स्वीकार करने वाले दलित भी ‘दलित’ ही हैं
इस्लाम और ईसाई धर्म को मानने वाले दलितों के संवैधानिक अधिकारों के मसले पर बहुजन राजनीति के भीतर ‘साम्प्रदायिकता’ ने दबे पांव गहराई तक घुसपैठ की है। यह 2024 के चुनाव से पहले सतह पर नजर आ सकती है, इसकी आशंका व्यक्त की जा रही है। मुस्लिम दलित और ईसाई का मसला पहले हम यह…
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अगर हिंदू राज हकीकत बनता है, तो वह देश के लिए सबसे बड़ा अभिशाप होगा: डॉ. आंबेडकर
26 जनवरी आधुनिक भारतीय इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण तिथियों में एक है। इसी दिन 26 जनवरी 1950 को भारत को लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया था और भारतीय संविधान को पूरी तरह लागू किया गया था। हालांकि 26 नवंबर 1949 को ही भारतीय संविधान के प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. आंबेडकर ने संविधान को संविधान…
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जन्मदिन पर विशेष: आज के दौर में डॉ. आंबेडकर और उनकी 22 प्रतिज्ञाओं का पुनर्पाठ
भारत में शोषितों-उत्पीड़ितों की मुखर आवाज और सच्चे लोकतंत्र के सिपाही बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर को आज एक जाति विशेष का नेता बताने की चौतरफा कोशिशें हो रही हैं। पहले भारत के मनुवादियों और फिर आजादी के बाद सत्ता पर काबिज राजनीतिक शक्तियों ने उन्हें एक जाति के नेता के रूप में पेश किया।…
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गैर-बराबरी और कट्टरता भरे समाज का सेक्युलरिज्म बनाम हिजाब-विवाद
बात पिछली शताब्दी के सन् साठ दशक की है। हम लोग स्कूल में पढ़ते थे। वह गांव का एक सरकारी स्कूल था। उसमें आसपास के कई गांवों के बच्चे आते थे। ज्यादातर बच्चे हिन्दू-उच्चवर्णीय समुदाय के होते थे। उन दिनों दलित या पिछड़े समुदाय के बहुत कम बच्चे पढ़ते थे। मुस्लिम समुदाय के भी ज्यादा…
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महापंचायत में फैसलाः किसान घरों में डॉ. अंबेडकर और सर छोटूराम की लगाएं तस्वीर
दलित समुदाय को लेकर कल हरियाणा के हिसार जिले के बरवाला में एक किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। किसान संगठनों की अब कोशिश है कि महापंचायतों के जरिए दलित समुदाय के लोगों को भी इससे जोड़ा जाए, जिससे कि देश भर में इस किसान आंदोलन को व्यापक रूप से बढ़ाया जा सके। कल ही…
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फिर सामने आया गुजरात सरकार का मनुवादी चेहरा, प्रश्नपत्र में पूछे सवाल पर भड़के दलित
भाजपा शासित गुजरात सरकार एक बार फिर दलित समाज के निशाने पर आ गई है। बाबा रामदेव द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद दलित समाज का गुस्सा ठंडा भी नहीं हुआ था कि राज्य सरकार भर्ती बोर्ड द्वारा नॉन सेक्रेटरिएट क्लर्क परीक्षा के सामान्य ज्ञान के 170 न. प्रश्न ने विवाद खड़ा कर दिया है। दलित…