(भारतीय इतिहास, परंपरा और उसकी संस्कृति में बहुत सारी चीजें विवादित रही हैं। उनमें सर्वाधिक विवाद उसकी पौराणिक कथाओं को लेकर रहा है। क्योंकि न तो उनका कोई साक्ष्य मिलता है और न ही तथ्यों की कसौटी पर वे...
1 जून यानी आज 2020 को ‘गुलामगिरी’ पुस्तक के 147 वर्ष पूरे हो रहे हैं। यह महात्मा ज्योतिबा फुले (11 अप्रैल 1827 - 28 नवंबर 1890) की प्रमुख रचना है। ‘गुलामगिरी’ अंधविश्वास, पाखंड, छल-कपट पर आधारित ब्राह्मणी ग्रंथों एवं...
20 मई को अनार्य द्रविड़-गैर ब्राह्मणवादी राष्ट्र-समाज निर्माण के प्रणेता एवं तमिलनाडु (तब मद्रास प्रेसीडेंसी) में दलित-बहुजन आंदोलन की नींव डालने वाले अयोथी थास की 175वीं जयंती वर्ष की शुरुआत हो रही है। 20 मई 1845 को चेन्नई के...
ईवी रामास्वामी पेरियार के 'द्रविड़ कड़गम आंदोलन' का केवल एक ही निशाना था आर्य ब्राह्मणवादी और वर्ण व्यवस्था का अंत कर देना, जिसके कारण समाज ऊंच और नीच जातियों में बांटा गया है। द्रविड़ कड़गम आंदोलन उन सभी शास्त्रों, पुराणों और देवी-देवताओं में...