Tag: employment
-
झारखंड से स्पेशल रिपोर्ट: मनरेगा में बच्चों के नाम से बने हैं जॉब कार्ड
रांची/दुमका। झारखंड में मनरेगा में व्याप्त गड़बड़ियां व घोटालों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसको लेकर जनचौक ने कई खुलासे किए हैं। हाल में दुमका जिले के काठीकुंड प्रखण्ड में इन गड़बड़ियों का एक मामला प्रकाश में आया है। जिले के बिछियापहरी पंचायत के निझोर गांव में मनरेगा योजनाओं में बिचौलिए और प्रखण्ड के अधिकारियों…
-
उत्तर प्रदेश में रोजगार की कब्र पर बनते मंदिर
नरेन्द्र मोदी की सरकार के एक बेहूदा निर्णय ने देश के नौजवानों को सड़कों पर आंदोलन के लिए मज़बूत कर दिया है। केंद्र सरकार के सेना में अग्निपथ योजना के जरिये चार सालों के लिए भर्ती के निर्णय के खिलाफ देश भर में आंदोलन हो रहे हैं। स्वस्फूर्तता फूट पड़े इन विरोध प्रदर्शनों में बड़ी…
-
ग्राउंड रिपोर्ट : नाम, नमक और निशान पाने के लिए तप रहे बनारसी नौजवानों के उम्मीदों पर अग्निवीर स्कीम ने फेरा पानी
वाराणसी। यूपी और बिहार में आज भी किसान और मध्यम वर्गीय परिवार के बच्चे किशोरावस्था में कदम रखते ही पैरों के टखने और घुटने मिलाने लगते हैं। ताकि भारतीय सेनाओं के अन्य विंग में भर्ती होने के लिए तैयारियों का आगाज कर सकें। बनारस, चंदौली, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, सोनभद्र, भभुआ समेत कई जिलों के ये…
-
ग्राउंड रिपोर्ट: अग्निपथ ने तोड़ दिये पहाड़ के युवाओं के सपने
देहरादून। आर्मी में भर्ती होना उत्तराखंड के 80 प्रतिशत युवाओं का सपना होता है और राज्य की अस्थाई राजधानी देहरादून सपनों की नगरी। पहाड़ के हर युवा को लगता है कि वह किसी न किसी तरह देहरादून पहुंच जाए तो उसके सपनों को पंख लग जाएंगे। दरअसल देहरादून के इस मोह के दो-तीन कारण हैं।…
-
खेती और बागवानी की उपेक्षा और अनियोजित और अमर्यादित पर्यटन का दंश झेल रहे हैं पहाड़ के किसान
सरकारों द्वारा किसानी, बागवानी और परम्परागत धंधों को मदद करने के बजाए पर्यटन के विस्तार पहाड़ में आर्थिक असंतुलन बढ़ रहा और पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जिससे पहाड़ के लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। सरकार पहाड़ में स्थानीय खेती-किसानी, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दों पर केन्द्रित…
-
ग्राउंड रिपोर्ट: इलाहाबाद बन गया है छात्रों के लिए मृत्यु की उपत्यका घाटी
प्रयागराज। कभी इलाहाबाद आईएएस-पीसीएस की फैक्ट्री के तौर पर जाना जाता था। लेकिन आए दिन होने वाली छात्रों की खुदकुशियों ने इसकी पहचान बदल दी है। अब इसे ‘मौत के कुएं’ के तौर पर जाना जाता है। अखबारों में बन रहीं आत्महत्या की ये सुर्खियां बताती हैं कि इलाहाबाद अब छात्रों के सपनों को परवाज…
-
युवाओं का भविष्य अंधेरे में: सरकार ने बंद किए रोजगार के सारे रास्ते
हिन्दी उपन्यास साहित्य में एक सन्दर्भ के दौरान कभी साहित्यकार मधुरेश ने लिखा था, “यह मोह भंग एक तरह से पूरी स्वतंत्रताकामी शक्तियों का ही मोहभंग है। सत्ताकामी और अवसरवादी राजनीति ने जनता के इस संघर्ष को आज व्यर्थ कर दिया है लेकिन हताशा के अस्थाई दूर के बावजूद संघर्ष का रास्ता कभी बंद नहीं…