तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है,मगर यह आंकड़े झूठे हैं यह दावा किताबी है!
अदम गोंडवी की इन लाइनों में प्रासंगिकता के साथ किसान की दशा का प्रतिबिंब दिखाई देता है। किसान की परिभाषा के अंतर्गत खेत में...
आजादी के तिहत्तर साल के बाद आज भी भारत का किसान भाग्य भरोसे है। हाड़ तोड़ मेहनत करने के बावजूद उसकी जिंदगी में अंधकार और अनिश्चितता है। जुताई, बुआई, मड़ाई और कटाई में ही उसकी सारी उमर बीत जाती है।...