किसी भी अवसादग्रस्त आदमी के साथ एक चरण में जा कर ऐसा होता है कि उसे अपने चारों ओर की अन्य सारी आवाजें सुनाई देना बंद हो जाती हैं। वह जैसे खुद में ही कैद हो जाता है। किसी...
(जॉक लकान के मनोविश्लेषण के सिद्धांतों पर केंद्रित एक विमर्श की प्रस्तावना)
जो भी हो, यहां हमारा विषय दर्शनशास्त्र, समाजशास्त्र या क्रांति का विज्ञान भी नहीं है । भारतीय तंत्र की चर्चा यहां अनायास ही मन की समस्याओं की चर्चा...