Wednesday, April 24, 2024

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ग्राउंड रिपोर्ट: अब सशक्त हो रही हैं ग्रामीण इलाकों की लड़कियां

गनीगांव, उत्तराखंड। कुछ साल पहले तक उत्तराखंड के जिन गांवों की किशोरियां 8वीं या बहुत ज्यादा 10वीं तक ही पढ़ा करती थीं। जिन्हें लगता था कि वह पढ़ाई करके भी क्या कर सकती हैं? आज उसी गांव की लड़कियां...

ग्राउंड रिपोर्ट: बिहार के तुर्की ब्लॉक के गांवों की लड़कियों ने रग्बी फुटबॉल में बनाई पहचान

मुजफ्फरपुर, बिहार। "सयानी लड़की होकर लड़कों के साथ हाफ पैंट पहनकर ग्राउंड में खेलती है, न इसको शर्म आती है और न इसके मां-बाप को!" इस तरह की न जाने कितनी फब्तियां और अनर्गल बातों के व्यंग्य बाण झेलने...

ग्राउंड रिपोर्ट: शैक्षणिक बाधाओं से गुजरती राजस्थान के भोपालराम गांव की लड़कियां

लूणकरणसर, राजस्थान। हमारे देश में आजादी के बाद जिन बुनियादी विषयों पर सबसे अधिक फोकस किया गया है, उनमें शिक्षा भी महत्वपूर्ण है। यह एक ऐसा विषय है, जिसे नजरअंदाज कर कोई भी सरकार विकास का लक्ष्य प्राप्त नहीं...

ग्राउंड रिपोर्ट: बाधाओं को पार कर सशक्त बन रहीं महादलित समाज की लड़कियां, शाहपुर गांव की संजना बनी मिसाल

मुजफ्फरपुर, बिहार। 21वीं सदी के भारत ने कई क्षेत्रों में बदलाव व विकास के नए प्रतिमान स्थापित किये हैं। चाहे वह नए अनुसंधान का क्षेत्र हो, अभियांत्रिकी विकास, प्रौद्योगिकी विकास, बौद्धिक विकास, सामरिक क्षमता या फिर कुशल नेतृत्व की...

ग्राउंड रिपोर्ट: परिवार और समाज की इज्जत का बोझ आखिर लड़कियां ही क्यों उठाएं?

रौलियाना गांव, उत्तराखंड। समाज में औरतों को हमेशा से ही बंधनों में बांधकर रखा गया है। जिससे कि अगर उसके साथ किसी भी प्रकार की कोई हिंसा होती है तो वह अपने लिए न्याय के लिए लड़ने से भी...

ग्राउंड रिपोर्ट: उत्तराखंड के मेगड़ी स्टेट की लड़कियों को कब मिलेगी पितृसत्तात्मक समाज की बेड़ियों से आजादी?

मेगड़ी स्टेट, उत्तराखंड। कभी कभी हमारे देश में देखकर लगता है कि देश तो आजाद हो गया है, जहां सभी के लिए अपनी पसंद से जीने और रहने की आज़ादी है। लेकिन महिलाओं और किशोरियों खासकर जो ग्रामीण क्षेत्रों...

ग्राउंड रिपोर्ट: खेलकूद की जगह घर के कामों में उलझा दी गईं मुजफ्फरपुर के हुस्सेपुर की लड़कियां

मुजफ्फरपुर। हाल ही में संपन्न हुए एशियाई खेलों में भारत ने पहली बार मेडल का शतक लगाते हुए नया कीर्तिमान गढ़ दिया। इस एतिहासिक सफलता में पुरुष खिलाड़ियों के साथ साथ भारत की महिला खिलाड़ियों का भी बराबर का...

ग्राउंड रिपोर्ट: उत्तराखंड के गनीगांव में लड़कियां आज भी हैं खेल से वंचित, परिजन नहीं देते खेलने की इजाजत

गनीगांव, उत्तराखंड। खेल खेलना आम तौर पर आपकी फिटनेस और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का एक शानदार तरीका है। इससे न सिर्फ आपका शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि मन और मानसिक स्वास्थ्य भी फिट रहता है। दरअसल, खेल जैसी...

आखिर किशोरियां ही क्यों चढ़ती हैं भेदभाव की सूली पर?

बागेश्वर, उत्तराखंड। भारत में हर बच्चे का अधिकार है कि उसे, उसकी क्षमता के विकास का पूरा मौका मिले। लेकिन आज़ादी के सात दशक बाद भी देश में लैंगिक असमानता की धारणा विद्यमान है। इसके पीछे सदियों से चली...

भारत की 60 प्रतिशत लड़कियां खून की कमी का शिकार हैं

नेशनल फेमली हेल्थ सर्वे-5 (2019-21) की रिपोर्ट अनुसार देश की 59.1 प्रतिशत किशारवय लड़कियां (18 वर्ष से कम उम्र की) खून की कमी का शिकार हैं। नेशनल फेमली सर्वे-4 की रिपोर्ट बताती है कि स्कूल जाने वाली 41.9 प्रतिशत...

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स्मृति शेष: सत्यजीत राय- वह जीनियस फ़िल्मकार जिसने पहली फिल्म से इतिहास रचा

सत्यजित राय देश के ऐसे फ़िल्मकार हैं, जिनकी पहली ही फ़िल्म से उन्हें एक दुनियावी शिनाख़्त और बेशुमार शोहरत...