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झूठ का पुलिंदा है किसान कानूनों के बारे में रिलायंस इंडस्ट्रीज का बयान: एआईपीएफ
Janchowk -
लखनऊ। किसान आंदोलन से देश के नागरिकों का बढ़ता हुआ सरोकार और उसके पक्ष में बन रही राष्ट्रीय भावना न केवल मोदी सरकार बल्कि अम्बानी और अडानी जैसे कारपोरेट घरानों की बेचैनी बढ़ाती जा रही है। जन भावना के...
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शिवसेना और एनसीपी को तोड़ने के बावजूद महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं
महाराष्ट्र की राजनीति में हालिया उथल-पुथल ने सामाजिक और राजनीतिक संकट को जन्म दिया है। भाजपा ने अपने रणनीतिक आक्रामकता से सहयोगी दलों को सीमित किया और 2014 से महाराष्ट्र में प्रभुत्व स्थापित किया। लोकसभा व राज्य चुनावों में सफलता के बावजूद, रणनीतिक चातुर्य के चलते राज्य में राजनीतिक विभाजन बढ़ा है, जिससे पार्टियों की आंतरिक उलझनें और सामाजिक अस्थिरता अधिक गहरी हो गई है।
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