Jashne Shaheen
जंतर-मंतर
कश्मीरी पंडित: पीड़ा की प्रतिहिंसा यानि ‘हिंदू जेहाद’ की भावना में सुलगती एक कौम
पीड़ा की अनुभूति करुणा उपजाकर मनुष्य को मनुष्यतर बनाती है, लेकिन पीड़ा जब अपने एवज में प्रतिहिंसा चाहती है, बदला चाहती है तो वो मनुष्य से उसकी मनुष्यता छीन लेती है। ऐसा ही नजारा 19 जनवरी को जंतर मंतर...
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