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राजनीति

पूंजीवाद सड़ चुका है समाजवाद ही विकल्प है, जाति उन्मूलन के बिना भारत में लोकतंत्र नहीं कायम हो सकता: कोबाड गांधी

(कोबाड गांधी एक कम्युनिस्ट और जाति-विरोधी राजनीतिक कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने भारत के सबसे हाई-प्रोफाइल राजनीतिक कैदी के तौर पर दिल्ली और आंध्र प्रदेश सहित देश [more…]

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बीच बहस

तिरंगे झंडे के इर्दगिर्द नकली हिन्दुस्तानियों का जमावड़ा: कोबाड गांधी

आधी सदी पहले… 1973 का साल था, महीना था जनवरी। तबके बम्बई महानगर में दलित आंदोलन का ज्वार उमड़ा हुआ था। नामदेव ढसाल जैसे जुझारू [more…]