Tag: mahatma gandhi
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7 जून, 1893: गांधी ने नस्लभेद के विरुद्ध आंदोलन की नींव रखी थी
इतिहास में कुछ तारीखें इतिहास और मानव चिंतन की धाराएं बदल कर रख देती हैं। ऐसी ही तारीखों में आज 7 जून की तारीख भी है, जब दक्षिण अफ्रीका के एक अज्ञात रेलवे स्टेशन, पीटरमारिट्जबर्ग, पर 7 जून 1893 को गांधी जी को धक्का देकर ट्रेन से जबरन उतार दिया गया था। उनका सामान प्लेटफार्म…
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‘आंदोलनजीवी’ किसानों ने ही बदला है देश का इतिहास
किसान आंदोलन अपने सौ दिन पूरे करने जा रहा है। पर न तो बातचीत हो रही है और न ही बातचीत की तारीख तय हो पा रही है। सब कुछ थमा है। पर किसानों के हौसले जस के तस हैं। थका कर कोई जनआंदोलन कभी भी तोड़ा नहीं जा सकता है, विशेषकर वह आंदोलन जो…
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तरक्की पसंद तहरीक का ब्लू प्रिंट है सज्जाद जहीर का उपन्यास ‘लंदन की एक रात’
‘‘इंसानी ज़िंदगी का दायरा सिर्फ इश्क और मुहब्बत तक महदूद नहीं। क्या इसके अलावा और बहुत से मसाइल और बहुत सी दिलचस्प और गैर दिलचस्प चीजें नहीं हैं, जिनसे हम बावस्ता हैं? इन चीजों को छोड़कर हम खला-ए-महज में रहकर इश्क नहीं कर सकते।’’ ‘लंदन की एक रात’ में उपन्यास के हीरो हीरेन के अपनी…
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सुप्रीम कोर्ट, माफी का आग्रह और महात्मा गांधी
ट्वीट से ‘न्यायपालिका की चूलें हिल गई हैं,’ ऐसा माननीय न्यायमूर्तियों ने 14 अगस्त को प्रशांत भूषण को अवमानना का दोषी ठहराते हुए कहा था। भारतीय न्यायपालिका के ऊपर कभी केरल हाई कोर्ट के एक समारोह में बोलते हुए देश के प्रसिद्ध कानूनविद् और जज जस्टिस कृष्ण अय्यर ने जो कहा था, अब उसे पढ़ें।…
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कन्हैया कुमार पर राजद्रोह के मुक़दमे की अनुमति और राजद्रोह का कानून
दिल्ली सरकार ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष और कम्युनिस्ट पार्टी के नेता कन्हैया कुमार के विरुद्ध दर्ज सेडिशन के मुक़दमे धारा 124A के अंतर्गत मुक़दमा चलाने की अनुमति 28 फ़रवरी को दे दी। इस पर कन्हैया कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है, “दिल्ली सरकार को सेडिशन केस की परमिशन देने के लिए…
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गांधीवाद में मौजूद है वर्तमान समाज के कठिन सवालों का जवाब: प्रो. आनंद कुमार
“मौजूदा समाज पांच ऐसे सवालों से जूझ रहा है, जिनका उत्तर सिर्फ गांधीवादी विचारधारा में मिलता है। हिंसा, धार्मिक कट्टरता, कार्पोरेट जीवन शैली, फरेब और झूठ के तले दबते मानवीय रिश्ते इत्यादि आज के समाज की दयनीय दशा को दर्शाते हैं, और इन सब सवालों का जवाब गांधी द्वारा दिखाये गये रास्ते, यानि कि सत्य,…
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मोदी के ‘कत्ल और कानून’ के राज में कहां खड़े हैं गांधीजन
आज महात्मा गांधी की 72वीं पुण्यतिथि है। 30 जनवरी 1948 को दिल्ली के बिड़ला हाउस में प्रार्थना सभा के लिए जाते हुए महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई थी। हिंदू कट्टरपंथी नाथूराम गोडसे और उसके साथियों ने गांधी पर गोली चलाई थी। लेकिन गांधी की हत्या में सिर्फ चंद चेहरे ही शामिल नहीं थे।…
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नागरिकता बिलः सेकुलर, लोकतांत्रिक गणराज्य को कठमुल्ला तंत्र में बदलने की घोषणा
इस विधेयक का विरोध इसलिए नहीं करना चाहिए कि यह मुसलमानों के साथ अन्याय करता है। इस विधेयक का विरोध इसलिए करना चाहिए, क्योंकि यह बिल 50 साल तक लड़ी गई आजादी की लड़ाई और 72 साल में निर्मित हुए देश के साथ गद्दारी करता है। यह बिल महात्मा गांधी, भगत सिंह, अशफाक उल्ला खान,…