Thursday, April 25, 2024

mahatma gandhi

नेताजी सुभाष का साम्प्रदायिक ताकतों से टकराव 

सुभाष चन्द्र बोस भारतीय स्वाधीनता संग्राम के अप्रतिम योद्धा थे। योद्धा शब्द सच में केवल उन्हीं के लिये कहा जा सकता है। अंग्रेज़ी हुक़ूमत के खिलाफ 1857 का विप्लव एक विद्रोह था जो चर्बी मिले कारतूस के मुद्दे पर...

नेहरू और सुभाष के बीच पत्र व्यवहार

पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा संपादित एक ग्रंथ है जिसमें उन्हें संबोधित अनेक पत्र प्रकाशित किए गए हैं। इन पत्रों का चयन स्वयं जवाहरलाल नेहरू ने किया था। इस पुस्तक का नाम है ‘‘ए बंच ऑफ ओल्ड लेटर्स‘‘। इस ग्रंथ में 368 पत्र...

वैचारिक उथल पुथल और जिज्ञासा की ख़ुराक़ है -“उसने गांधी को क्यों मारा?”

गांधी अपने समय से हमारे समय तक के सबसे चर्चित नाम है। गांधी इसीलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि महात्मा गांधी के अतिरिक्त एक पक्ष वकालत की डिग्री लिए हुए वकील मोहनदास करमचंद गांधी भी का है। जो व्यक्ति के...

कंगना रनौत: भारत को आज़ादी कब और कैसे मिली

जैसे-जैसे संकीर्ण राष्ट्रवाद और मुखर, और आक्रामक होता जा रहा है वैसे-वैसे हमारे स्वाधीनता संग्राम के इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। धार्मिक राष्ट्रवाद का बढ़ता कारवां हमें नए सिरे से समझा रहा है कि हमें...

सांप्रदायिकताः फुनगी छोड़िए, समस्या की जड़ को पकड़िए

भारत के मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना ने मीडिया में बढ़ती सांप्रदायिकता पर चिंता जता कर अच्छी पहल की है। इससे देश के विभिन्न संस्थानों को एक संदेश जाएगा और मीडिया को भी आइना देखने का मौका मिलेगा। लेकिन...

अतिथि देवो भव वाले नये भारत ने अफगान महिला सांसद को एयरपोर्ट से किया डिपोर्ट

अफ़ग़ानिस्तान की महिला सांसद रंगीना करगर ने भारत सरकार पर संगीन आरोप लगाते हुये दावा किया है कि दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उनके साथ अपराधियों जैसे सलूक किया गया और 20 अगस्त को उन्हें डिपोर्ट कर...

भारत छोड़ो आंदोलन और गांधीजी का यादगार भाषण

1920 से 1948 तक का कालखंड, भारतीय इतिहास में गांधी युग के नाम से जाना जाता है। अगर कोई एक वाक्य में गांधी की स्वाधीनता संग्राम में योगदान के बारे में पूछे तो, उसका उत्तर होगा, एक तो, गांधी ने...

9 अगस्त 1942 की कहानी, अगस्त क्रांति के सिपाही डॉ. जीजी परीख की जुबानी

98 वर्षीय डॉ. जीजी परीख 9 अगस्त 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल थे। महात्मा गांधी ने 8 अगस्त के भाषण में हिन्दू-मुस्लिम एकता की अपील करते हुए घोषणा की थी कि देश का हर नागरिक आज के...

दलित लेखन : इतिहास की पुनर्व्याख्या

भारतीय समाज आदिकाल से ही वर्ण व्यवस्था द्वारा नियंत्रित रहा है। ऐसा माना जाता है कि जो वर्ण व्यवस्था प्रारंभ में कर्म पर आधारित थी कालान्तर में जाति में परिवर्तित हो गई। वर्ण ने जाति का रूप कैसे धारण...

7 जून, 1893: गांधी ने नस्लभेद के विरुद्ध आंदोलन की नींव रखी थी

इतिहास में कुछ तारीखें इतिहास और मानव चिंतन की धाराएं बदल कर रख देती हैं। ऐसी ही तारीखों में आज 7 जून की तारीख भी है, जब दक्षिण अफ्रीका के एक अज्ञात रेलवे स्टेशन, पीटरमारिट्जबर्ग, पर 7 जून 1893...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...