नॉर्वे के पेंटर एडवर्ड मंच की एक पेंटिंग सभी ने देखी होगी। दुनिया में सबसे महंगी बिकने वाली पेंटिंग में इसे शुमार किया जाता है। इसमें एक स्त्री किसी पुल पर खड़ी है और चीख रही है। उसका खुला...
शरद के कदमों की आहट सुनाई दे रही है? थोड़ा गौर कीजिये, हवा में आर्द्रता कम हुई है; तड़के उठें तो हवा में बदलते मौसम का एक कोमल, सौम्य स्पर्श महसूस होता है। हालाँकि इस साल बारिश पूरी तरह...
भौतिक देह को अंतिम सत्य मानने वाला चार्वाक दर्शन कहता है: परान्नं प्राप्य दुर्बुद्धे! मा प्राणेषु दयां कुरु, परान्नं दुर्लभं लोके प्राण: जन्मनि जन्मनि।। इसका अर्थ है कि शरीर तो बार-बार जन्म लेगा, उस पर दया करना मूर्खता है।...
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार बिहार के पश्चिमी चम्पारण जिले में आठ अक्टूबर को मारे गए बाघ के बारे में किए गए फैसले के मुताबिक उसे मार गिराना बहुत जरूरी हो गया था। सात अक्टूबर को उसे देखते ही मार...
राष्ट्रपिता गाँधी को रवींद्रनाथ टैगोर ने महात्मा कहा और गांधी जी ने उन्हें गुरुदेव की उपाधि दी। टैगोर ने गाँधी जी को महात्मा सिर्फ इसलिए नहीं कहा क्योंकि वे सिर्फ देशव्यापी राजनीतिक आन्दोलन से जुड़े एक महान नेता थे, जिन्होंने...
हंसी को लेकर आप गंभीर नहीं तो यह ज़रूर जान लें कि आम तौर पर 23 साल की उम्र के आस-पास लोगों का हास्य बोध घटने लगता है। मांसपेशियों के कमज़ोर होने और आंखों की रोशनी के घटने से...
इन दिनों देश में पितृ पक्ष चल रहा है और सनातन धर्म से जुड़े लोग अपने मृत पूर्वजों को याद कर रहे हैं। मृत परिजनों के लिए धार्मिक अनुष्ठान किये जा रहे हैं, ब्रह्मभोज करवाए जा रहे हैं। एक...
सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्य इस कदर बदलते जा रहे हैं कि कभी देवता और गुरु जी कह कर पूजे जाने वाले शिक्षक खिसकते-खिसकते अब सामाजिक जीवन के हाशिये पर चले गए हैं। आदरणीय गुरु जी तेजी से मास्साब में...
बच्चों की शिक्षा के प्रश्न को बस शिक्षाविदों, नीतिनिर्धारकों और समाजशास्त्रियों पर नहीं छोड़ देना चाहिए। विशेषज्ञता के अपने फायदे हैं पर इसकी वजह से हर चीज़ हवाबंद संदूकों में बंद भी हो जाती है। परिणाम यह होता है...
खेलकूद में बच्चों की एक स्वाभाविक रुचि होती है। वे हर समय खेलना चाहते हैं, पर अपने अनुभवों से दबे-पिसे वयस्क उनको पढ़ाई-लिखाई पर अधिक ध्यान देने और खेलकूद पर समय बर्बाद न करने की हिदायतें देते नहीं थकते।...