Saturday, April 27, 2024

mahatma gandhi

राजमोहन गांधी: पाठ्यक्रमों से निकाल कर आप गांधी के विचारों को मार नहीं सकते 

मैं उन जीवित लोगों में एक हूं, जो महात्मा गांधी के उन प्रार्थना सभाओं में शामिल थे, जो 1947-48 में उन्होंने नई दिल्ली के बिड़ला हाउस के लॉन में आयोजित की थीं। जिसे उस समय अल्बुकर्क रोड कहा जाता...

देश पर हिंदुओं-मुसलमानों के बराबर हक की गांधी की बात से डरती है बीजेपी: तुषार गांधी

नई दिल्ली। एनसीईआरटी (NCERT) की किताबों से महात्मा गांधी से संबंधित पाठों को हटाने और छेड़छाड़ करने पर महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने संघ-भाजपा पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की “असली पहचान...

सर्वोदय समाज का 48 वां सम्मेलन संपन्न, गांधीजनों ने लिया लोकतंत्र बचाने का संकल्प

वर्धा। सर्वोदय समाज और उनके मानने वालों की देश को समझने का अपना नजरिया है। वो अपने ढ़ंग से किसी स्थिति का विश्लेषण करते हैं। लेकिन 48 वां सर्वोदय समाज सम्मेलन के समापन पर जिस राजनीतिक प्रस्ताव को पेश...

देश की फ़िज़ा से आज भी यह आवाज़ आती है कि ‘डरो मत’

पारंपरिक परिवार, रूढ़िवादी समाज से लेकर देश-दुनिया की तमाम हुक़ूमतें, सत्ता की तरफ़ से पैदा किए गए डर के ज़रिए चलायी जाती हैं। रामचरित मानस के महाकवि तुलसी दास ने भी सामान्य मनोविज्ञान को एक विशेष परिघटना के दौरान...

गणतंत्र दोराहे पर: 26 जनवरी के मूल्य बनाम 30 जनवरी के हत्यारे गिरोह के मंसूबे

26 जनवरी और 30 जनवरी हमारे राष्ट्रीय इतिहास की दो अहम तारीखें हैं- 26 जनवरी, हमारा गणतंत्र दिवस, उन मूल्यों की याद दिलाता है जिनके लिए आज़ादी की जंग लड़ी गयी और 30 जनवरी, जिस दिन उस ऐतिहासिक लड़ाई...

 गांधी जयंती विशेष: बापू क्या इस भारत को पहचानेंगे भी?  

राष्ट्रपिता गाँधी को रवींद्रनाथ टैगोर ने महात्मा कहा और गांधी जी ने उन्हें गुरुदेव की उपाधि दी। टैगोर ने गाँधी जी को महात्मा सिर्फ इसलिए नहीं कहा क्योंकि वे सिर्फ देशव्यापी राजनीतिक आन्दोलन से जुड़े एक महान नेता थे, जिन्होंने...

गांधी की दांडी यात्रा-7: एक अहिंसक क्रांति का आह्वान 

आणंद से रवाना होकर, गांधी और उनके सहयात्री, अपने लक्ष्य की ओर बढ़े। यात्रा सुबह, एक प्रार्थना के बाद शुरू हो जाती थी और सुबह के दस बजे तक जितनी दूरी तय की जा सकती थी, वह दूरी तय...

‘अंग्रेज़ों! भारत छोड़ो’ आंदोलन और गांधी जी का यादगार भाषण

1942 के पहले जब 1938–39 में इस बात की संभावना बन गयी थी कि द्वितीय विश्वयुद्ध होगा ही, तब नेताजी सुभाष का विचार था कि युद्ध के समय पर ही अंग्रेजों के खिलाफ आज़ादी की एक निर्णायक जंग छेड़ी...

द कश्‍मीर फाइल्‍स: लोगों को बांटने का खतरनाक खेल

अल्‍पसंख्‍यकों के बारे में गलतफहमियां फैलाना और उनके खिलाफ नफरत भड़काना साम्‍प्रदायिक राष्‍ट्रवाद का पुराना और आजमाया हुआ हथियार है। हमारे देश में यह प्रक्रिया लम्‍बे समय से जारी है। हाल में साम्‍प्रदायिक राष्‍ट्रवादियों के हाथों में एक नया...

जन्मदिन पर विशेष: लोहिया ने रखी देश में विपक्ष की नींव

आज (23 मार्च) एक कुजात गांधीवादी का जन्मदिन है, हालांकि उस कुजात गांधीवादी ने अपना जन्मदिन कभी नहीं मनाया। उसी के जन्मदिन के दिन ही शहीद ए आज़म भगत सिंह को साल 1931 में फांसी पर लटका दिया गया...

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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...