‘चिदंबरम ने कारपोरेट फ़ासिज़्म की ज़मीन तैयार की, मानवाधिकारों को कुचला, सैन्यीकरण की रफ़्तार को तेज़ किया’
प्रख्यात कवि साहित्यकार असद ज़ैदी ने अपने फेसबुक वाल पर लिखा है ‘चिदम्बरम अपने बेशतर कारनामों में अकेले नहीं थे। वे उस मशहूर तिकड़ी के [more…]