नंदिनी सुंदर का लेख: अकादमिक दुनिया की बड़ी क्षति है उमर खालिद की कैद

भारत में मुसलमानों को, कुछ हद तक आदिवासियों की तरह, हमेशा ‘इंटीग्रेट’ (समाहित) होने और ‘मुख्यधारा’ में शामिल होने के…