कहानियों और मुहावरों में सुना था कि जब रोम जल रहा था तो कोई नीरो बादशाह बांसुरी बजा रहा था। आज भारत देश का नीरो भी कुछ वैसा ही कर रहा है। आज वह हज़ारों करोड़ रुपये की लागत...
रोम के जलने पर नीरो अब बाँसुरी नहीं बजाता वह मनाली की हसीन वादियों को किसी टनल के उद्घाटन के बहाने निहारने जाता है।...
वहीं नीरो मोर को दाना चुगाते हुए अपने चेहरे पर मानवीयता की नक़ाब ओढ़ लेता है।...
वह...