घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो ये कर लें: निदा फ़ाज़ली स्मृति दिवस
निदा फ़ाज़ली उर्दू और हिन्दी ज़बान के जाने-पहचाने अदीब, शायर, नग़मा निगार, डायलॉग राइटर थे। निदा फ़ाज़ली ने कुछ अरसे तक पत्रकारिता भी की, लेकिन [more…]
निदा फ़ाज़ली उर्दू और हिन्दी ज़बान के जाने-पहचाने अदीब, शायर, नग़मा निगार, डायलॉग राइटर थे। निदा फ़ाज़ली ने कुछ अरसे तक पत्रकारिता भी की, लेकिन [more…]
दोहा जो किसी समय सूरदास, तुलसीदास, मीरा के होंठों से गुनगुना कर लोक जीवन का हिस्सा बना, हमें हिंदी पाठ्यक्रम की किताबों में मिला। थोड़ा [more…]