Thursday, April 25, 2024

Poet Kedarnath Agrawal

कृषक चेतना के अनूठे कवि : केदारनाथ अग्रवाल

बकौल खुद - 'मेरा विश्वास है कि कथ्य और शिल्प अलग नहीं है। दोनों की सांघातिक इकाई एक है। उसे तोड़ा नहीं जा सकता। कालिदास और वाल्मीकि को पढ़ते हुए भी मुझे यह बात महसूस हुई है। इन कवियों...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...