Tuesday, March 19, 2024

शैलेंद्र चौहान

निराला की कविता में मनुष्य राग

यह संयोग ही है कि मेरे प्रियतम कवियों में निराला रहे हैं। जब मैं आठवीं कक्षा का छात्र था तभी उनकी कवितायें गुनगुनाता था। इस पर मेरे शिक्षक चिरोंजी लाल श्रीवास्तव जो वहीं हमारे पड़ोस में रहते थे बहुत...

पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट: पटाखों का इतिहास और अवैध निर्माण

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 150 किलोमीटर दूर हरदा के बैरागढ़ गांव में मंगलवार को एक पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट हुआ है। यह धमाका इतना जबरदस्त था कि इसकी आवाज बीस किलोमीटर दूर तक सुनी गई।...

इलेक्टोरल बॉन्ड: राजनीतिक दलों को फंडिंग का तरीका या नये तरह का चुनावी भ्रष्टाचार?

विश्व में चुनावी भ्रष्टाचार के सबसे अधिक मामले भारत में हैं। ऐसे मामलों में सिर्फ भ्रष्टाचार ही नहीं, कई तरह की चुनावी बेईमानी भी शामिल हैं। इस सबके बावजूद भारत में वोटिंग लगातार बढ़ रही है। चुनाव आते ही...

चुनावी भ्रष्टाचार पर कैसे लगेगी रोक?

भ्रष्टाचार की उचित परिभाषा के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। मैकियावेली ने भ्रष्टाचार के सबसे पुराने आयाम को राजनीतिक अधिकारियों और नागरिकों के बीच सद्गुणों की गिरावट के रूप में लोकप्रिय बनाया। मनोवैज्ञानिक होर्स्ट-एबरहार्ड रिक्टर का सिद्धांत भ्रष्टाचार...

गणतंत्र दिवस पर विशेष: कौन वह भारत-भाग्य-विधाता है?

संविधान निर्माताओं ने भारत में गणतंत्र की जो परिकल्पना की थी उसका मूल अभिप्राय था, गण (समाज) के लिये तंत्र की स्थापना। 'गण' की पहचान के लिये संविधान की भूमिका में स्पष्ट रूप से लिखा गया था, ”हम जो...

एयरलाइन कंपनियों की मनमानी से हवाई अड्डों पर चिंताजनक दृश्य

इन दिनों देश के विभिन्न हवाई अड्डों पर चिंताजनक दृश्य देखने को मिल रहे हैं। कहीं पर उड़ान क्षेत्र में एयरक्राफ्ट के पास बैठकर यात्री खाना खाते दिख रहे हैं तो कहीं दस-दस घंटों तक हवाई जहाज में बैठे...

फिल्म समीक्षा: हौसले और संघर्ष की कथा- ट्वेल्फ्थ फेल

कुछ परिचितों, मित्रों से एक हिंदी फिल्‍म 'ट्वेल्फ्थ फेल' की तारीफ सुनी तो सोचा चलो टीवी पर देख ही लिया जाए। यह अमेजन प्राईम आदि पर उपलब्ध है लेकिन हमने इसे यूट्यूब के माध्यम से देखा। यू ट्यूब पर...

औद्योगीकरण, शहरीकरण, मलिन बस्तियां और थमी हुई जिंदगियां

मानव जीवन की तीन मूलभूत आवश्यकताएं हैं- भोजन, वस्त्र और आवास। पौष्टिक भोजन, स्वच्छ वस्त्र तथा साफ-सुथरा आवास मानव की कार्यक्षमता एवं जीवन को सुचारु रूप से सक्रिय रखने के लिए न्यूनतम एवं वांछनीय आवश्यकताएं हैं। वर्तमान युग मशीनीकरण का...

हिंदी साहित्य: अप्रासंगिक होती आलोचना

हिंदी साहित्य में आज यह स्थिति है कि स्वतः कोई पाठक आपकी रचनाएं नहीं पढ़ता। उन्हें पढ़वाने के लिए आपको स्वयं प्रयास करना पड़ता है। लिखने से लेकर छपवाने और पाठकों तक पहुंचाने के लिए लेखक को ही खटना...

ये बच्चा कैसा बच्चा है!

इब्ने इंशा का जन्म पंजाब के जालंधर जिले के फिल्लौर कस्बे में हुआ था। इब्ने इंशा का असली नाम शेर मोहम्मद खान था। इब्ने इंशा ने 1946 में पंजाब यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने...

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