Thursday, September 28, 2023

Premchand Jayanti

आजादी के पहले का भारत समझना है तो प्रेमचंद, आजादी के बाद का भारत समझना है तो परसाई को पढ़ें

इंदौर। आजादी के पहले का हिंदुस्तान समझने के लिए प्रेमचंद को पढ़ना जरूरी है। अंग्रेजों और उनसे पहले मुगलों ने भी भारत को समझने के लिए तत्कालीन साहित्य का अध्ययन किया था। प्रेमचंद ने कहा था कि "हमें हुस्न...

भक्ति आंदोलन में जो जगह कबीर की है, वही प्रेमचंद की भारतीय नवजगारण में है

जिस ऐतिहासिक कार्यसूची के इर्द गिर्द 19वीं 20वीं सदी के भारतीय नवजागरण का नक्शा उभर कर सामने आया था, शायद उसमें मध्यकालीन सरंचनाओं से बंधे एक परम्परागत समाज की अपनी जातीयता और आधुनिकता की खोज के लक्ष्य सबसे केन्द्रीय...

हिंदी पट्टी के सवर्ण राष्ट्रवाद के चश्में से दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और दक्षिण भारत को न देखें

क्या देश में हिंदुत्व नव-राष्ट्रवाद समग्र भारत का ‘स्थायी भाव व चरित्र’ बन चुका है? क्या हिंदी भारत में राजनैतिक हिंदुत्व उफान को शेष देश का भी हिंदुत्व उफान माना जाना चाहिए? क्या सांप्रदायिकता के सांचे में देश का बहुसंख्यक समाज ढल चुका है? और क्या भारतीय राज्य की परिवर्तित राजनैतिक...

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बिहार, झारखंड में अमित शाह की सोशल इंजीनियरिंग फेल, इंडिया गठबंधन बहुत आगे

यह निर्विवाद है कि बिहार भारत का आर्थिक रूप से सबसे पिछड़ा राज्य है। बिहार को अत्यधिक गरीबी और...