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संस्कृति-समाज

आजादी के पहले का भारत समझना है तो प्रेमचंद, आजादी के बाद का भारत समझना है तो परसाई को पढ़ें

इंदौर। आजादी के पहले का हिंदुस्तान समझने के लिए प्रेमचंद को पढ़ना जरूरी है। अंग्रेजों और उनसे पहले मुगलों ने भी भारत को समझने के [more…]

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बीच बहस

भक्ति आंदोलन में जो जगह कबीर की है, वही प्रेमचंद की भारतीय नवजगारण में है

जिस ऐतिहासिक कार्यसूची के इर्द गिर्द 19वीं 20वीं सदी के भारतीय नवजागरण का नक्शा उभर कर सामने आया था, शायद उसमें मध्यकालीन सरंचनाओं से बंधे [more…]

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बीच बहस

हिंदी पट्टी के सवर्ण राष्ट्रवाद के चश्में से दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और दक्षिण भारत को न देखें

क्या देश में हिंदुत्व नव-राष्ट्रवाद समग्र भारत का ‘स्थायी भाव व चरित्र’ बन चुका है? क्या हिंदी भारत में राजनैतिक हिंदुत्व उफान को शेष देश का भी हिंदुत्व उफान माना जाना चाहिए? [more…]