Tuesday, May 30, 2023

Prof. Kalburgi

सत्ता पोषित पाखंड के दौर में एक नयी ज़मीन तोड़ने का वक्त़

बंद दिमाग़ी की गर्त में समाज एक कठिन वक्त में जबकि अपनी आंखें खुली रखना, तर्कशीलता के रास्ते पर डटे रहना, समाज में वैज्ञानिक चिंतन की बातें कहने में संकोच न करना अपने आप में जोखिम भरा काम हो गया...

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घर में नहीं हैं दाने, मामा चले हवाई तीर्थ कराके वोट भुनाने

बहुत ही घबराए और बिल्लियाये हुए हैं शिवराज सिंह चौहान और उतनी ही सिड़बिल्याई हुयी है भाजपा और जनादेश...