सुभाष गाताडे
बीच बहस
हेगड़े के ‘मन की बात’ नहीं, भाजपा के ‘दिल की बात’
‘बिल्ली आंख मूंद कर दूध पीती है और सोचती है कि दुनिया देख नहीं रही है’ - संस्कृत सुभाषित
जनाब अनंत कुमार हेगड़े, उत्तरी कर्नाटक से भाजपा के सांसद हैं और अपने विवादास्पद बयानों या नफरती वक्तव्यों के लिए...
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हल्द्वानी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को खुला पत्र
उत्तराखंड के हल्द्वानी में 8 फरवरी को घटित हिंसा का मसला, जब पुलिस ‘अवैध मस्जिद और मदरसे’ के ध्वस्तीकरण के लिए पहुंची थी, और उससे पैदा सवालों की गूंज अभी बची हुई है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था कि वहां...
बीच बहस
अजेयता का मिथक: 2024 में मोदी की वापसी होगी या 2004 की होगी पुनरावृत्ति?
2024 की शुरूआत में भारत एक प्रचंड बदलाव की दहलीज पर खड़ा है। सभी जनतंत्र प्रेमी, इन्साफ पसंद और अमन के चाहने वालों के सामने यही बड़ा सवाल मुंह बाए खड़ा है कि 2024 के संसदीय चुनावों में- जो...
बीच बहस
क्या तीसरे खंभे की आज़ादी अब खतरे में है?
जनाब नेतन्याहू जो फिलवक्त़ इजरायल के प्रधानमंत्री हैं को अंततः आला अदालत के फैसले के आगे झुकना ही पड़ा। उन्हें अपने मंत्रिमंडल के दूसरे नंबर के सदस्य आरेय देरी को हटाना ही पड़ा।
दरअसल इजरायल की आला अदालत ने...
बीच बहस
हे राम/राज्य/! क्या कोविड 19 का अंतराल अध्यापकों के लिए नया अंधेरा लेकर आया है?
In Every Village the Torch, a teacher and an extinguisher the Priest-Victor Hugo
महान फ्रेंच लेखक एवं कार्यकर्ता विक्टर हयूगो, ने पिछड़े समाजों में शिक्षा की अहमियत को लेकर बेहद मौजूं बात कही थी। ‘हर गांव में एक दिया, एक...
ज़रूरी ख़बर
स्मृति: मानवाधिकार की लड़ाई की कीमत जिंदगी देकर चुकाई थी एडवोकेट शाहिद आज़मी ने
ऐसा वक्त़ आता है जब खामोशी गद्दारी बन जाती है... इतिहास इस बात को दर्ज करेगा कि सामाजिक संक्रमण के इस दौर में सबसे बड़ी त्रासदी यह नहीं थी कि बुरे लोगों की आवाज़ बुलंद थी, बल्कि यह कि...
बीच बहस
जनतंत्र के लिए सबसे बड़ी महामारी साबित हुआ कोविड
विश्व प्रसिद्ध रचना ‘रॉबिन्सन क्रूसो’ के लेखक डैनियल डेफो, (1660-1731) बहुआयामी किस्म के व्यक्ति थे, व्यापारी थे, पत्रकार थे, लेखक थे, पर्चे भी लिखते थे। लंदन के निवासी रहे डैफो ने उनके जमाने में आए प्लेग की महामारी, जिसमें...
बीच बहस
फैसल की गिरफ्तारीः आखिर क्यों गायब है योगी की डिक्शनरी से प्रेम और सद्भाव शब्द?
कैसे कैसे मंज़र सामने आने लगे हैंगाते गाते लोग चिल्लाने लगे हैंअब तो इस तालाब का पानी बदल दोयहां के फूल अब कुम्हलाने लगे हैं-दुष्यंत कुमार
सत्तर के दशक के मध्य में गुजर गए जानेमाने कवि और गज़लकार दुष्यंत की...
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किताबें मत जलाइए, ऐसा इंतज़ाम कीजिए कि लोग उन्हें पढ़ ही न पाएं!
‘आप भले मेरी किताबें और यूरोप के सबसे उन्नत मस्तिष्कों की किताबें जला देंगे, लेकिन उन विचारों का क्या जो उन किताबों में समाई थीं और जो करोड़ों रास्तों से आगे बढ़ चुका है और बढ़ता ही रहेगा।’’-हेलेन केलर,...
बीच बहस
क्या बेगुनाहों को यूं ही चुपचाप ‘दफ्न’ हो जाना होगा!
‘‘कोई न कोई जरूर जोसेफ के बारे में झूठी सूचनाएं दे रहा होगा, वह जानता था कि उसने कोई गलत काम नहीं किया है, लेकिन एक अलसुबह उसे गिरफ्तार किया गया।”(‘Someone must have been telling lies about Joseph K,...
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मुख्तार अंसारी की मौत का सच आएगा सामने, कोर्ट ने दिए न्यायिक जांच के आदेश
मुख्तार अंसारी की उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में दिल का दौरा पड़ने से मौत के बाद बांदा के...