दर्शन अपने आप में अति व्यापक और गूढ़ शब्द है। दुनिया भर में दर्शन और फिलॉस्फी को अपने-अपने ढंग से व्याख्यायित किया गया है। आमतौर पर दर्शन को सत्य को जानने की कला के रूप में परिभाषित किया जाता...
दोहा जो किसी समय सूरदास, तुलसीदास, मीरा के होंठों से गुनगुना कर लोक जीवन का हिस्सा बना, हमें हिंदी पाठ्यक्रम की किताबों में मिला। थोड़ा ऊबाऊ। थोड़ा बोझिल, लेकिन खनकती आवाज़, भली सी सूरत वाला एक शख्स, जो आधा...
शाहीन बाग़ में किताबों का जो एक पौधा रोपा गया था, वो पेड़ की शक़्ल अख़्तियार कर रहा है। उसकी एक जड़ हौज़ रानी के गांधी पार्क में फूटी है, जैसे कि शाहीन बाग़ के आंदोलन की जड़ें यहां-वहां...