राकेश टिकैत के बेबस आँसुओं से मर्माहत होकर एक विशाल जन-सैलाब इसी साल 29 जनवरी को मुज़फ़्फ़रनगर के गवर्नमेंट इंटर कॉलेज के मैदान में ख़ुद-ब-ख़ुद उमड़ पड़ा था। कुछ महीनों बाद कल पूरी तैयारी के साथ इसी मैदान में...
(साहिर, 8 मार्च 1921- 28 अक्तूबर 1980; जन्म-शती साल)
साहिर लुधियानवी की बेशुमार लोकप्रियता से रश्क और रंजिश रखने वाली अदीबों की दुनिया में एक बहस उछाली जाती रही है कि साहिर रोमेंटिक शाइर हैं या पॉलिटिकल। यह भी...
यह सिलाई मशीन चलने की आवाज़ है। लगता है कि इसमें रेल की आवाज़ की अनुगूंज घुली हुई है। फ़िल्म `वस्त्र उद्योग` (टैक्सटाइल एंड गारमेंट इंडस्ट्री) के मज़दूरों पर केंद्रित है, तो सिलाई मशीनों की आवाज़ें आनी ही है।...
उम्मीद की थरथराती लौ आख़िर बुझ गई। वरिष्ठ कवि-गद्यकार और पत्रकार मंगलेश डबराल नहीं रहे। उन्होंने बुधवार देर शाम 7 बजकर 10 मिनट पर ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट (एम्स) में आखिरी सांस ली। कोरोना संक्रमण के कारण उन्हें क़रीब...
भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ग्रुप के किसानों ने नेशनल हाइवे नम्बर-1 दिल्ली-चंडीगढ़-अंबाला रोड पर बैरिकेड तोड़ दिए हैं। इन किसानों के जत्थे को रोकने के लिए अब कुरुक्षेत्र जिले के शाहबाद इलाके में त्योड़ा के...
चंडीगढ़/रोहतक। किसानों के 26-27 नवंबर के प्रस्तावित दिल्ली मार्च को नाकाम करने के लिए हरियाणा में किसान-मज़दूर नेताओं की ताबड़तोड़ गिरफ़्तारियां जारी हैं। किसान और खेत मज़दूर नेताओं-एक्टिविस्टों की तलाश में आधी रात में शुरू हुए पुलिस छापे दिन...
फ़हमीदा रियाज़ को 1999 के आसपास मुज़फ़्फ़रनगर में हुए एक मुशायरे में सुनने का मौका मिला था। इस इंडो-पाक मुशायरे को लेकर उग्र हिंदुत्ववादी तत्वों ने माहौल में तनाव घोल रखा था। मुशायरे के संयोजक मनेश गुप्ता, एडवोकेट के...
जुकरबर्ग के फ़ासिज़्म से प्रेम का राज़ क्या है? हिटलर के प्रतिरोध की ऐतिहासिक तस्वीर से फेसबुक को दिक्कत क्या है? फेसबुक ने हिन्दी के मशहूर कहानीकार चंदन पांडेय की वॉल पर लगी उस मशहूर तस्वीर को अपने `कम्युनिटी...
बाबरी मस्जिद को लेकर अक्तूबर 2010 में हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच का फ़ैसला आया था तो मैंने इस बारे में हिन्दी के कई प्रमुख लेखकों से बात की थी जो समयांतर के नवंबर 2010 अंक में प्रकाशित हुई थी।...
अपनी विद्वता के ‘आइवरी टावर्स’ में बैठे कवि-बुद्धिजीवी जो भी समझें, पर सच यही है, इत्ते बड़े मुल्क में, एक सीधी सी बात को ऐसे खरेपन से कह देना, राहत इंदौरी के ही हिस्से में आया था। हिर्स करो,...