Thursday, April 25, 2024

religious power

समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े दलितों को अर्थव्यवस्था में भी कोई जगह मयस्सर नहीं

किसी देश की अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी के मुख्यत: दो स्रोत होते हैं- उत्पादन के साधनों पर मालिकाना और शिक्षा-कौशल। अन्य दो स्रोत राजनीतिक एवं धार्मिक सत्ता यह तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं कि किसका उत्पादन के साधनों...

Latest News

स्वागत न्यू इंडिया: जहां अम्बेडकर की रचनाओं का सार्वजनिक अध्ययन ‘अशांति फैला सकता है’

किस तरह एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय को डॉ अम्बेडकर को अपमाानित करने दिया जा रहा है और चौतरफा खामोशी का...