Saturday, April 27, 2024

Sainath

भारत में अब लोकतंत्र, प्रजातंत्र और गणतंत्र जैसे शब्द बेमानी हो गए हैं

आखिर 84 वर्षीय वृद्ध, शक्तिहीन, बेबस, लाचार, कई बीमारियों तथा पर्किंसन बीमारी से ग्रस्त, लगभग पूर्णतः बहरे, कांपते हाथ वाले, ठीक से खाना-पानी तक अपने मुँह तक ले जाने में असमर्थ, आजीवन वंचितों आदिवासियों के हक-हूकूक के लिए संघर्ष...

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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...