समाज में हिंसा और अहिंसा की भूमिका
सम्+आज = समाज! समाज स्वयं को सार्वकालिक स्वरूप में देखता है। सम का अर्थ है समान और आज का अर्थ है अब, इस पल। कितनी [more…]
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