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गौरव जायसवाल: परम्परागत काम छोड़कर बदलाव की राह थामी
मप्र और महाराष्ट्र की सीमा पर बसा गाँव कुरई को अंग्रेजों ने बसाया था पूरा गाँव आदिवासी था और मात्र 11 परिवार गैर आदिवासी थे, इनमें ज्यादातर कलार समाज के थे जो शराब बनाने का पुश्तैनी काम करते थे।...
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बहुसंख्यकवादी नैरेटिव को टेका लगाती फिल्में: स्वातंत्र्यवीर सावरकर
फिल्म जनसंचार का एक शक्तिशाली माध्यम है जो सामाजिक समझ को कई तरह से प्रभावित करता है। कई दशकों...
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