संकट में फंसे निजी क्षेत्र के यस बैंक के बड़े डिफाल्टर्स को बचाने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के नाम पर मोदी सरकार ने लीपापोती की कार्रवाई शुरू की है, ताकि आम जनता की आंखों में धूल झोंका जा...
आर्थिक उदारीकरण के दौर में चाहे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक हों या निजी क्षेत्र के कार्पोरेट लूट का पर्यायवाची बनकर रह गये हैं। इसमें कार्पोरेट के साथ रिजर्व बैंक आफ इंडिया, संबंधित बैंक और सरकार की दुरभिसन्धि है, जिससे...