Thursday, April 25, 2024

supreeme court of india

स्वतंत्र और निडर न्यायपालिका के बिना कानून का शासन नहीं हो सकता: जस्टिस दीपक गुप्ता

उच्चतम न्यायालय में वर्तमान में दो धारायें स्पष्ट रूप से दिखायी पड़ रही हैं,एक धारा राष्ट्रवाद की आड़ में सरकार के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध दिखाई पड़ रही है तो दूसरी धारा संविधान और कानून के शासन की...

संविधान और कानून नहीं व्यवहारवाद पर आधारित है सबरीमला विवाद का न्याय

अनुच्छेद 370, कश्मीर में इंटरनेट एवं मीडिया पर पाबंदी, राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद भूमि विवाद, संशोधित नागरिकता कानून जैसे मामलों में, जिनमें संविधान और संवैधानिक मूल्य दांव पर हों, त्वरिच न्यायिक हस्तक्षेप की बात गुजरे ज़माने की बातें रह...

राजनीति में काल्पनिक आशंकाओं पर आधारित विवाद है एनआरसी

नई दिल्ली के इंडियन सोसाइटी आफ़ इंटरनेशनल लॉ में इसी 8 सितंबर को एक ‘जन पंचायत’ बैठी जिसमें असम में नागरिकता के सवाल पर भारत के कई प्रमुख पूर्व न्यायाधीशों और क़ानून जगत के विद्वानों ने हिस्सा लिया। विचार...

जस्टिस ताहिलरमानी के तबादले पर सुप्रीमकोर्ट ने जारी किया बयान

कॉलेजियम के फैसलों पर तो सदैव सवाल उठते रहे हैं लेकिन पिछले दिनों मद्रास हाईकोर्ट की चीफ़ जस्टिस ताहिलरमानी की मणिपुर हाईकोर्ट में तबादले और उसके बाद जस्टिस ताहिलरमानी के इस्तीफे से उच्चतम न्यायालय का कॉलेजियम पूरी तरह सवालों के घेरे...

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बेहद कमजोर जमीन पर खड़ी भाजपा की ताक़त

जब नरेंद्र मोदी ने 400 पार का नारा दिया था, तो इसके पीछे दो बड़ी वजहें थीं, एक तो...