Tag: train
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कोविड के भ्रामक आंकड़े, भारतीय मध्य-वर्ग और पत्रकारिता
दुनिया में जब लॉकडाउन की शुरुआत हुई तो नागरिकों के दमन की ख़बरें सबसे ज्यादा केन्या व अन्य अफ्रीकी देशों से आईं। उस समय ऐसा लगा था कि भारत का हाल बुरा अवश्य है लेकिन उन गरीब देशों की तुलना में हमारे लोकतंत्र की जड़ें गहरी हैं। हमें उम्मीद थी कि हमारी सिविल सोसाइटी, जो…
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जब आलम ‘समानान्तर सरकार’ का हो तो ‘गुस्ताख़’ हाईकोर्ट्स को माफ़ी कैसी?
कोरोना संकट की आड़ में जैसे श्रम क़ानूनों को लुगदी बनाया गया, क्या वैसा ही सलूक अब न्यायपालिका के साथ भी होना चाहिए? क्योंकि बक़ौल सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता, देश के 19 हाईकोर्ट्स के ज़रिये ‘कुछ लोग समानान्तर सरकार’ चला रहे हैं। ज़ाहिर है, ‘इन लोगों’ की जजों के साथ मिलीभगत भी होगी ही। वर्ना,…
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रेलवे की लापरवाही का खामियाजा आखिर क्यों भुगतें कामगार?
पिछले दो माह से लॉक डाउन की नौटंकी जारी है और अब कह रहे हैं कोरॉना के साथ ही जीना सीखें। करोड़ों कामगारों को सड़क पर मरने के लिए छोड़कर अब हाथ खड़े कर रहे हैं। इतनी बेशर्मी और क्रूरता सिर्फ एक सेडिस्ट ही कर सकता है। ले दे कर रेल चलाई भी तो ऐसी दुर्दशा…
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नौतपा में रेल में तपते मजदूर !
नौतपा शुरू हो गया है। पच्चीस मई से। नौ दिन देश तपेगा खासकर उत्तर भारत। और इसी नौतपा में तपेंगे देश के मजदूर। बिना खाना बिना पानी। सभी लोग दृश्य तो देख ही रहे हैं। स्टेशन पर पानी लूटा जा रहा है, खाना लूटा जा रहा है। ऐसी लूट कभी देखी थी जब रोटी और…
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सुप्रीमकोर्ट का स्वत:संज्ञान: ताक पर रख दिया गया है आपदा प्रबंधन कानून
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 12 के तहत प्रदान की गई राहत के न्यूनतम मानकों का अनुपालन नहीं किया गया है और कि अधिनियम के अंतर्गत प्रावधानित कोई राष्ट्रीय/राज्य योजना नहीं है। कपिल सिब्बल ने यह भी कहा कि श्रमिकों के आवागमन में तेजी लाने…
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सु्प्रीम कोर्ट ने सवाल पूछा केंद्र से, भार डाला राज्य सरकारों पर
-प्रवासी श्रमिकों के लिए ट्रेन या बस से कोई किराया नहीं लिया जाएगा। रेलवे का किराया राज्यों द्वारा साझा किया जाएगा। -प्रवासी श्रमिकों को संबंधित राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा उन स्थानों पर भोजन और भोजन उपलब्ध कराया जाएगा, जहां वे ट्रेन या बस में चढ़ने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।…