Thursday, April 25, 2024

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अडानी की पैरोकार बनी छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार, कोल खनन परियोजना के खिलाफ 52 दिनों से जारी है आंदोलन

छत्तीसगढ़ में हसदेव अरण्य के ग्रामीण पिछले 52 दिनों से अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी यह लड़ाई महत्वपूर्ण वन क्षेत्र को बचाने, अपनी आजीविका, संस्कृति और प्राकृतिक धरोहर को बचाने, संविधान में आदिवासियों के अधिकारों की...

झारखंड विधानसभा चुनावों से गायब हैं जनता के मुद्दे

झारखंड में पहले चरण का मतदान 30 नवंबर को संपन्न हो चुका है। दूसरे चरण का मतदान सात दिसंबर को है। इस बीच राज्य के विभिन्न जन संगठनों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के मंच और झारखंड जनाधिकार महासभा के भारत...

भाकपा माले भाजपा को शिकस्त देने वाली ताकतों के साथः दीपंकर

भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा है कि वर्तमान विधानसभा चुनाव में जहां जन-विक्षोभ भाजपा और उसकी सरकार के खिलाफ एक व्यापक उभार की शक्ल अख्तियार करने वाला है। तो दूसरी तरफ मोदी सरकार, खासकर अमित शाह द्वारा...

कार्पोरेट लूट की सरकारी साजिश के खिलाफ आदिवासियों की हुंकार

छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से आदिवासी समाज अपनी मांगों को लेकर आंदोलित हो गया है। राजधानी रायपुर में वन स्वराज रैली का आयोजन किया गया। रैली में केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ हुंकार भरी गई। बस्तर के...

ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत बनाने का विरोध

छत्तीसगढ़ में 80 ग्राम पंचायतों को पुनर्गठित कर 27 नगर पंचायत बनाए जाने पर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल अनुसूया उइके ने सवाल खड़ा किया है। शुक्रवार को बिरसा मुंडा की जयंती पर कांकेर के चारामा पहुंचीं राज्यपाल ने कहा कि बिना...

क्योंकि भारत का इतिहास बदलने का काम जारी है!

विश्व आदिवासी दिवस की बधाई आज विश्व आदिवासी दिवस पर आप मान लीजिए  कि भारत के ऋषि मुनि ही भारत के सबसे पुराने निवासी हैं मान लीजिए कि वेद तब ही आ चुके थे जब मनुष्य का जन्म भी नहीं हुआ था  मान लीजिए...

जम्मू-कश्मीर: प्रधानमंत्री की बातों-दावों से परे

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अंदाज निराला है। वह सब कुछ समय के हिसाब से करते हैं। एक उदाहरण उनके द्वारा कल कश्मीरियों के नाम राष्ट्र को संबोधन था। कल यानी 8 अगस्त को रात 8 बजे। है...

10 लाख आदिवासियों के जंगल खाली करने के सुप्रीम कोर्ट के फरमान पर आखिरी फैसला आज

आज 24 जुलाई है आज एक बहुत ही महत्वपूर्ण कानून पर सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई होने वाली है, आप बस अभी इतना समझ लीजिए अगर ठीक से इसकी सुनवाई नही हो पायी तो सोनभद्र जैसे लोहमर्षक आदिवासी नरसंहार रोज रोज की बात...

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स्वागत न्यू इंडिया: जहां अम्बेडकर की रचनाओं का सार्वजनिक अध्ययन ‘अशांति फैला सकता है’

किस तरह एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय को डॉ अम्बेडकर को अपमाानित करने दिया जा रहा है और चौतरफा खामोशी का...