Wednesday, October 4, 2023

yalgar

समता का यलगार है मंजुल का नाटक ‘लोक-शास्त्र सावित्री’

मेरे पुराने मित्र मंजुल भारद्वाज का जब फोन आया कि 27 मार्च 2021 को सुबह 11:30 थाना के गडकरी रंगायतन में ‘लोक-शास्त्र सावित्री’ का मंचन है, तुम्हें आना है। मैं उलझन में थी कि कोरोना काल में पब्लिक की...

ज्योति का गीत ही बन गया गुनाह!

(ज्योति जगताप हिंदुत्व, जातिवाद, असमानता के खिलाफ गाती थीं। सितंबर में यह निडर और दृढ़ लड़की भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार की गई। गिरफ्तार की जाने वाली अपने सांस्कृतिक समूह की वह तीसरी सदस्य और इस प्रकरण में गिरफ्तार...

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आज का दौर न राजा-रानियों का है न फासिस्टों का, यह बोलने के साहस का दौर है

फैज अहमद फैज पर उनके देश में देशद्रोह का मुकदमा चल रहा था। जेल शहर से बाहर था। उनकी...