नार्वे, आयरलैंड और स्पेन ने औपचारिक तौर पर दी फिलिस्तीन को मान्यता

Estimated read time 1 min read

नई दिल्ली। आखिरकार नार्वे, आयरलैंड और स्पेन ने फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर मान्यता दे दी है। गौरतलब है कि ढेर सारे यूरोपीय यूनियन के देश इलाके में लंबे दिनों की शांति को सुनिश्चित करने के लिए दो देशों के समाधान को बेहद जरूरी मान रहे थे। इजराइल-गाजा युद्ध के बाद यह बहस और तेज हो गयी थी।

फैसले की घोषणा करते हुए बुधवार को नार्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर ने कहा कि अगर कोई पहचान नहीं होती है तो वहां शांति नहीं होगी। इसके साथ ही स्टोर ने कहा कि स्कैंडिनेवियाई देश 28 मई से फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दे देंगे।

नार्वे यूरोपीय यूनियन का सदस्य नहीं है। लेकिन इजराइल और फिलिस्तीन के बीच दो राज्यों के सिद्धांत का प्रबल समर्थक है। नार्वे सरकार के एक नेता ने कहा कि आतंक को हमास और आतंकी समूहों ने अंजाम दिया है जो दो राज्यों के समाधान और इजराइल को एक राज्य के तौर पर मान्यता देने के समर्थक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन को स्वतंत्र देश होने का बुनियादी अधिकार है।

यह पहल उस समय हुई है जब मई में इजराइली सुरक्षा बलों ने गाजा पट्टी के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर अपने हमले तेज कर दिए हैं और जिसके चलते हजारों लोगों का नया पलायन शुरू हो गया है और इसके साथ ही बाहर से जाने वाली सहायता पूरी तरह से रुक गयी है नतीजतन इलाके में महामारी का खतरा पैदा हो गया है।

यह प्रगति 30 साल बाद हुई जब 1993 में ओस्लो समझौते पर हस्ताक्षर हुआ था। उसके बाद से नार्वे की सरकार ने कहा कि फिलिस्तीनियों ने दो राज्यों के समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की है।

इसमें कहा गया है कि विश्व बैंक सोचता है कि 2011 में फिलिस्तीन राज्य एक स्वतंत्र राज्य के तौर पर काम करने की क्षमता रखता है। राष्ट्रीय संस्थाएं आबादी को महत्वपूर्ण सेवाएं मुहैया कराने के लिए बनायी गयी हैं।   

आयरलैंड के प्रधानमंत्री सिमन हैरिस ने भी कहा कि यह स्पेन और नार्वे की संयुक्त पहल पर हुआ है। और फिलिस्तीन तथा आयरलैंड के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने कहा कि यह पहल दो राज्यों के समाधान के जरिये इजराइल-फिलिस्तीन विवाद के समाधान की कोशिश का एक हिस्सा है।

संसद को संबोधित करते हुए स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने कहा कि उनका देश 28 मई को फिलिस्तीन को एक देश के तौर पर मान्यता दे देगा।

इस पहल के बाद इजराइल के विदेशमंत्री कर्त्ज़ ने आयरलैंड और नार्वे से अपने राजदूतों को तत्काल इजराइल लौटने का आदेश दे दिया।

कर्त्ज़ ने कहा कि आयरलैंड और नार्वे आज फिलिस्तीनियों और पूरी दुनिया को यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि आतंकवाद से लाभ होता है। उन्होंने कहा कि मान्यता गाजा में फंसे इजराइली बंधकों के लौटने की प्रक्रिया को तेज कर सकता है। और यह हमास तथा ईरान के जिहादियों को पुरस्कृत कर युद्धविराम की गति को धीमा कर देगा। उन्होंने स्पेन द्वारा उसी तरह का रुख अपनाने की स्थिति में वहां से भी अपने राजदूत को वापस बुला लेने की धमकी दी। 

You May Also Like

More From Author

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments