देश के जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं उन राज्यों में सिर्फ गोदी मीडिया अर्थात संघ-भाजपा की गोद में बैठी मीडिया को ही भयमुक्त होकर कार्य करने की छूट मिली हुई है। जो पत्रकार निर्भीकता के साथ समाज के हक में सच को सामने रखने की कोशिश करते हैं, उनको दंडित करने के लिए संघ परिवार की तरफ से हर तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं। भाजपा की तरफ से मीडिया को यही संदेश अप्रत्यक्ष रूप से दिया जाता रहा है कि जो उसके साथ नहीं है उसको चैन से जीने नहीं दिया जाएगा।
दो महीने पहले त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने अखबार के एक वर्ग को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह कोविड-19 प्रबंधन पर लोगों को भ्रमित करने के लिए उन्हें माफ नहीं करेंगे। देब की चेतावनी के बाद संघ के कार्यकर्ता लगातार मीडिया वालों पर हमले करते रहे हैं। स्थानीय बंगला भाषा के समाचार पत्र ‘प्रतिवादी कलम’ की छह हजार से अधिक प्रतियां शनिवार को अगरतला से करीब 60 किलोमीटर दूर गोमती जिले में उदयपुर बस स्टैंड पर छीनकर उपद्रवियों ने नष्ट कर दीं।
प्रतिवादी कलम समाचार पत्र के संपादक अनल रॉय चौधरी ने कहा कि पिछले तीन दिनों में कृषि मंत्री और कुछ नेताओं द्वारा किए गए 150 करोड़ रुपये के कथित घोटाले की रिपोर्ट की श्रृंखला प्रकाशित होने के बाद अखबार को सबक सिखाने के लिए इसकी प्रतियों को नष्ट किया गया है।
त्रिपुरा के दक्षिणी हिस्से में सबरूम के लिए जाने वाली यात्री बसों को उदयपुर बस स्टैंड में रोक दिया गया और अखबार की प्रतियों को बदमाशों के एक समूह द्वारा छीन लिया गया। कुछ प्रतियों में आग लगा दी गई। अनल रॉय चौधरी ने कहा, “कृषि विभाग में 150 करोड़ रुपये के कथित घोटाले पर कई खबरों की एक श्रृंखला प्रकाशित की गई थी, जिसमें कुछ अन्य नेताओं के साथ कृषि मंत्री प्राणजीत सिंहा रॉय का नाम भी शामिल था। इसी से खफा होकर यात्री बसों से अखबार की लगभग 6,000 प्रतियां छीन ली गईं। उन्होंने कुछ अखबारों को जला दिया और कुछ को बीच रास्ते में ही फाड़ दिया।”
उन्होंने कहा कि राजू मजुमदार सहित 12 लोगों के खिलाफ गोमती जिले के राधाकिशोरपुर पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। मजुमदार की अगुआई में शनिवार सुबह बसों से अखबारों को छीनकर नष्ट किया गया था। चौधरी ने कहा, “मुख्यमंत्री ने इस मामले में पूछताछ की है और आश्वासन दिया है कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
इस बीच अगरतला प्रेस क्लब के निवर्तमान सचिव प्रणव सरकार और अध्यक्ष सुबल कुमार डे, जो दो अलग-अलग पैनलों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, ने अगरतला पुलिस मुख्यालय में शीर्ष पुलिस अधिकारियों के साथ मुलाकात की और उपद्रवियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। पत्रकारों से बात करते हुए, अनुभवी पत्रकार जयंत भट्टाचार्य ने कहा कि अखबार पर हमला प्रेस अधिकारों और स्वतंत्रता पर हमला है और इसके पीछे जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।
वरिष्ठ पत्रकार जयंत देबनाथ ने कहा कि पत्रकारों की संस्था ने दोषियों को गिरफ्तार करने के लिए 24 घंटे का एक नोटिस दिया है। उसके बाद पत्रकार पुलिस मुख्यालय के सामने धरने-प्रदर्शन पर बैठेंगे। गौरतलब है कि दो महीने पहले दक्षिण त्रिपुरा के सबरूम में त्रिपुरा के पहले विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री देब ने कहा था, “कुछ समाचार पत्र लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं, सभी अतिउत्साही हो रहे हैं। इतिहास उन्हें माफ नहीं करेगा, त्रिपुरा के लोग उन्हें माफ नहीं करेंगे और मैं उन्हें माफ नहीं करूंगा। मैं जो कुछ भी कहता हूं वही करता हूं, इतिहास इसका गवाह है।”
इसके तुरंत बाद एक स्थानीय दैनिक के साथ जुड़े एक पत्रकार पाराशर बिस्वास, जिन्होंने सोशल मीडिया पर देब को चुनौती दी और मीडिया को धमकी देने के खिलाफ चेतावनी दी, उन्होंने दावा किया कि उनके निवास पर मध्यरात्रि के बाद 6-7 लोगों ने हेलमेट और मास्क पहनकर उन पर हमला किया। एक स्थानीय अस्पताल में इलाज के बाद बिस्वास ने सात अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ अंबासा पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की। धलाई जिले के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है, लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार या हिरासत में नहीं लिया गया है।
(दिनकर कुमार ‘द सेंटिनल के संपादक रह चुके हैं। आप इस समय गुवाहाटी में रहते हैं।)
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