नई दिल्ली। गाजियाबाद स्थित क्रासिंग रिपब्लिक सोसाइटी में एक उर्दू अध्यापक को जयश्रीराम का नारा लगाने के लिए मजबूर किया गया। और उनके ऐसा न करने पर उन्हें सोसाइटी के भीतर नहीं जाने दिया गया। इस प्रक्रिया में न केवल उन्हें धकेल कर लिफ्ट से बाहर निकाल दिया गया बल्कि उनके साथ बदतमीजी भी की गयी।
उर्दू अध्यापक का नाम मोहम्मद आलमगीर है और वह पंचशील वेलिंगटन सोसाइटी के एक टावर में स्थित 16 वें फ्लोर पर एक बच्चे को उर्दू पढ़ाते हैं। हालांकि पुलिस ने इस मामले में 36 वर्षीय मनोज कुमार के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की कई धाराएं लगाने के बाद गिरफ्तार कर लिया है और फिर उसे जेल भेज दिया है।
आलमगीर ने पुलिस को बताया कि जब वह सोसाइटी की लिफ्ट में ऊपर जाने का इंतजार कर रहे थे, तभी कुमार ने उनकी ओर देखकर घूरने के बाद उन पर जुबानी हमला किया।
उन्होंने बताया कि आरोपी ने पहले उन्हें अजनबी निगाहों से घूर कर देखा और पूछा कि हम कहां जा रहे हैं। जब आलमगीर ने बताया कि वह 16वें फ्लोर पर उर्दू पढ़ाते हैं, तो कुमार ने उन्हें कथित तौर पर जयश्रीराम बोलने के लिए कहा।
एकबारगी उन्होंने कुमार को नजरंदाज किया लेकिन उसके बाद कुमार और हमलावर हो गए और उनसे सवाल पूछने लगे।
आलमगीर ने बताया कि मैं चकित था और कुछ नहीं कहा। जब लिफ्ट पहले फ्लोर पर रुकी तो उन्होंने मुझे धक्का देकर बाहर कर दिया। उसके बाद उन्होंने एक दूसरे रेजिडेंट को बुलाया और उससे कहा कि मुसलमान कब से आने लगे इस सोसाइटी में?
आमलगीर ने दूसरे रेजिडेंट पर भी यह आरोप लगाया कि उसने भी 16वें फ्लोर पर जाने से मना किया। इस पर दूसरे लोगों ने हस्तक्षेप किया और मौजूदा खराब माहौल का हवाला देते हुए वहां से उन्हें चले जाने के लिए कहा।
आलमगीर ने कहा कि मैंने तब अपने छात्र के माता-पिता को फोन किया और जब कॉल समाप्त हुई तो कुमार ने एक बार फिर मुझसे जयश्रीराम बोलने के लिए कहा। जब मैंने कोई प्रतिक्रिया नहीं जाहिर की तो वह और दूसरे रेजिडेंट मुझे ग्राउंड फ्लोर पर ले गए और ज्यादा हमलावर हो गए।
उसके बाद टावर का सिक्योरिटी गार्ड और एक तीसरा रेजिडेंट आया। उन्होंने मेरा नंबर लिया और मुझसे तुरंत सोसाइटी को छोड़ देने के लिए कहा। मैंने बगैर क्लास लिए ही सोसाइटी छोड़ दी।
वेवसिटी की एसीपी लिपि नगायच ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता के तहत कुमार के खिलाफ सेक्शन 126 (2) (गलत तरीके से बंधक बनाने के लिए सजा), 352 (शांति को भंग करने के उद्देश्य से जान बूझ कर भड़काना अपमानित करने की नीयत से) 351 (2) (आपराधिक धमकी के लिए सजा) और 351 (3) (आपराधिक धमकी) की धाराएं लगायी गयी हैं।
एसीपी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि हमने एक जांच शुरू की और आरोपी की पहचान मनोज कुमार के रूप में किया जो उसी टावर में रहता है। उन्होंने आगे कहा कि कुमार ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि घटना के समय वह शराब के नशे में था।
नगायच ने बताया कि उसका कहना था कि उसने जब अध्यापक को देखा तो उससे कुछ सवाल पूछे जब अध्यापक ने जवाब नहीं दिया तो वह हमलावर हो गया। उसको एक कोर्ट में पेश किया गया और फिर जेल भेज दिया गया। दूसरे आरोपी की पहचान की जा रही है।
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