जी हां, इन दिनों देश में उल्टी बयार चल रही है। वासंती और फागुनी मोहक हवाओं की जगह गर्मागर्म हवाओं ने ले ली है। ऐसा हाल तब होता है जब प्रिय सखा धोखा दे जाए। तो ऐसा ही महसूस होता है। मोदीजी के प्रिय सखा डोनाल्ड ट्रम्प सिर्फ छलावा ही नहीं किए बल्कि साफ़ तौर पर पुराना हिसाब किताब लेकर बैठ गए। जिससे खुलासा हुआ कि पिछले दशक में यूएसए से एक अरब डालर का सहयोग मिला तथा गुलफाम जी ने सन् 2019 से लेकर अब तक चुनावी गड़बड़ियों को कैसे अंजाम दिया। इसके अलावा जो 180 करोड़ यानि 21 मिलियन डालर का मामला सामने आया था उसकी पुष्टि स्वत: डोनाल्ड ट्रम्प ने मोदीजी का नाम लेकर कर दी है।
अब बचता क्या है। मोदी जी के भांड़ मीडिया और मंत्रियों ने इस राशि को राहुल गांधी की ओर धकेलने की इस बीच पुरजोर कोशिश की। लेकिन उनके आका ने भांडा फोड़ कर सच सामने रख दिया। कहीं से यह भी ख़बर आई कि यह राशि भारत नहीं बांग्लादेश चुनाव में सरकार गिराने के लिए भेजी गई। अब इस बात का खंडन मोदी और विदेश मंत्रालय को करना चाहिए। सवाल यह है कि वे ऐसा किस दम से करेंगे। ये बात अब सच प्रतीत हो रही है कि हमारे विश्वगुरु का डंका अब ध्वस्त होने की कगार पर है।अगर ये सच नहीं है तो झूठ का सरताज अमेरिका बनने वाला है।
अफ़सोस इस बात का है शिरोमणि विश्वगुरु नरेन्दर जी से परम ज्ञान प्राप्त कर डोनाल्ड ट्रम्प अब मोदीजी को पीछे छोड़ अग्रिम पंक्ति में आ पहुंचे हैं। जब शपथ ग्रहण समारोह का मोदीजी आमंत्रण नहीं मिला था तभी मोदीजी को समझ लेना चाहिए था। दोस्त अब दोस्त नहीं रहा। बेड़ियों में जकड़े भारतीयों की बेशर्म वापसी भी उन्हें हिला नहीं पाई। वे अमरीका पहुंचे परमिशन लेकर तब ट्रम्प ने जो कुछ हस्ताक्षरित करवाया वह इतने बड़े देश के लिए असम्मान जनक था।
एक करारनामे में जिगरी दोस्त ट्रम्प ने एलन मस्क की टेस्ला के बहाने एक बड़े उद्योगपति को भारत में प्रवेश दिलाया है यह मोदीजी के अडानी-अंबानी को भारी पड़ने वाला है। अडानी तो वैसे भी अमेरिका के जाल में फंस ही चुके हैं। भारत का बड़ा बाजार उसके कब्जे में आ ही जाएगा। मोदीजी भी अमेरिकी शिकंजे में फंस चुके हैं।
झूठे को झूठा मिला इससे अच्छी बात क्या हो सकती है। अमेरिकी मीडिया दावा कर रहा है कि अमेरिका के दूसरी बार राष्ट्रपति के बनने के पहले दिन दोनों भाषणों और मीडिया से बातचीत के क्रम में अपनी दूसरी पारी के पहले ही दिन ट्रंप ने 20 से ज्यादा झूठ बोले हैं। अमेरिकी मीडिया अब इस बात के लिए फैक्ट चेक कर रहा है कि प्रेसिडेंट ट्रंप ने कब-कब और कौन कौन सा झूठ बोला है।
वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में कुल 30,573 झूठ या असत्य और भ्रामक दावे किए थे और अब यह सवाल पूछे जा रहे हैं कि क्या ट्रंप इस कार्यकाल में पिछले कार्यकाल के झूठ बोलने का रिकॉर्ड तोड़ देंगे। CNN के मुताबिक राष्ट्रपति ट्रंप ने दूसरे कार्यकाल के पहले दिन 20 झूठ बोले हैं। ये झूठ अर्थव्यवस्था, माइग्रेशन, विदेशी मामलों, इलेक्ट्रॉनिक वाहनों और 2020 के चुनावों से संबंधित हैं।
क्या आपको पता है कि कुछ साल पहले ट्रंप को अपनी संपत्ति को लेकर झूठ बोलने के बदले जुर्माना देना पड़ गया था। जुर्माने की राशि एक दो लाख रुपए नहीं बल्कि 454 मिलियन डॉलर यानी 3922 करोड़ रुपए थी। फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने अपनी लोकप्रियता का लाभ उठाकर एनएफटी (नॉन-फंजिबल टोकन), कॉफी-टेबल बुक्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के शेयर जैसे प्रोडक्ट बेचे।
दुख इस बात का है कि दोस्त ने मोदी जी को धोखा दे दिया ऐसा पहले भी पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के साथ चीन ने किया था। मगर झूठ का जगत गुरु वाला खिताब जो अभी भारत को हासिल था वह छिनता नज़र आ रहा है क्योंकि मोदी मीडिया पीएम के झूठ की गिनती नहीं कर पाई। आजकल आंकड़ों का ज़माना है जिसके पास सबूत है वहीं ख़िताब का दावेदार होता है। देखते हैं मोदी जी जी बढ़त बनाने का कौन सा फार्मूला निकालते हैं।
झूठ लंबे समय तक नहीं टिक सकता यह सत्य है। अभी बारी मोदी जी की है कल को डोनाल्ड भी इसका शिकार होंगे।अमरीकी जनमानस भी उनके झूठ के महिमा मंडन को देखकर परेशान है। जल्द से जल्द उनकी मुख़ालफत शुरू हो सकती है।भारत नहीं है जो ग्यारह साल से इस मुसीबत को सिर आंखों पर बिठाकर रखे हुए है। देर सबेर फिज़ा यहां भी बदलेगी।
(सुसंस्कृति परिहार लेखिका और एक्टिविस्ट हैं।)
+ There are no comments
Add yours