संजय गांधी अस्पताल बंद होने से वरुण गांधी नाराज, ब्रजेश पाठक को पत्र लिखकर की पुनर्विचार की अपील

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नई दिल्ली। भाजपा सांसद वरुण गांधी ने संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल, अमेठी का लाइसेंस निलंबित करने पर चिंता व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक को एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने हालिया घटना के चलते पूरे अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। और कहा है कि सरकार के इस फैसले से अमेठी समेत आस-पास के कई जिलों के सैकड़ों लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है, जो अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं। अस्पताल के बंद होने और कोई दूसरा विकल्प न होने के कारण क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा से वंचित होना पड़ेगा।

वरुण गांधी ने अस्पताल बंद होने की दशा में लोगों को इलाज का लाभ न मिलने के साथ ही संस्थान के करीब 450 लोगों की आजीविका पर आने वाले संकट का भी उल्लेख किया है।

वरुण गांधी ने पत्र में लिखा कि गहन जांच के बिना, अमेठी में संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल के लाइसेंस का त्वरित निलंबन उन सभी व्यक्तियों के साथ अन्याय है जो न केवल प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बल्कि अपनी आजीविका के लिए भी संस्थान पर निर्भर हैं।

पत्र में लिखा गया है कि कथित चिकित्सीय लापरवाही से जुड़ी हालिया घटना की गंभीरता के साथ ही अस्पताल पर हुई कार्रवाई में आनुपातिकता और निष्पक्षता की भावना से देखना आवश्यक है। व्यापक एवं निष्पक्ष जांच किए बिना पूरे अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करना जल्दबाजी और संभावित अन्यायपूर्ण कार्रवाई प्रतीत होती है।

उत्तर प्रदेश सरकार को लिखे पत्र में उन्होंने अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने के निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की है। उन्होंने आशा जताई है कि नागरिकों की चिकित्सा सेवाओं तक पहुंच निर्बाध बनी रहे।

दरअसल, मुसाफिरखाना के पांडेय का पुरवा मजरे राम शाहपुर निवासी अनुज शुक्ला की पत्नी दिव्या को 14 सितंबर को पेट दर्द की शिकायत पर संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती किया गया था। आरोप है कि पथरी के लिए ऑपरेशन थिएटर के अंदर एनेस्थीसिया देने के बाद दिव्या कोमा में चली गई उसके बाद होश नहीं आया। आनन-फानन में उसे लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल लाया गया। जहां दो दिन बाद 16 सितंबर को उसकी मौत हो गई। महिला की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया और एक दिन बाद यूपी के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया।

गौरतलब है कि 100 बिस्तरों वाले संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल की आधारशिला 1982 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रखी थी। 1989 से अमेठी के मुंशीगंज इलाके में चल रहा यह अस्पताल एक ट्रस्ट राजीव गांधी फाउंडेशन द्वारा संचालित होता है। जिसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। कांग्रेस का आरोप है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम अस्पताल से जुड़ा है इसलिए भाजपा सरकार अस्पताल को निशाना बनाकर राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से काम कर रही है।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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