एशियन गेम्स 2023: अरुणाचल प्रदेश के एथलीटों की एंट्री पर रोक के बाद खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने रद्द किया चीन दौरा

Estimated read time 1 min read

नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन और भारत में फिर से जंग छिड़ गयी है। पहले तो चीन ने अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश को ‘अपना’ बताकर अपनी नापाक मंशा जाहिर कर दी थी। अब चीन ने राज्य के तीन खिलाड़ियों को एशियन गेम्स में प्रवेश से वंचित कर दिया है। जिसके जवाब में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपना चीन का दौरा रद्द कर दिया है।

चीन ने 2023 एशियन गेम्स में अरुणाचल प्रदेश के वुशु एथलीटों को एंट्री देने से इनकार कर दिया था। जिसके विरोध में भारत के युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपनी चीन की निर्धारित यात्रा रद्द कर दी है। चीन 2023 में एशियन गेम्स की मेजबानी कर रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक बयान में कहा है कि “चीन की ओर से हमारे कुछ खिलाड़ियों को जानबूझकर और चुनिंदा तरीके से रोकने के खिलाफ नई दिल्ली और बीजिंग में कड़ा विरोध दर्ज कराया गया है। चीन की कार्रवाई एशियन गेम्स की भावना और उनके आचरण को नियंत्रित करने वाले नियमों दोनों का उल्लंघन करती है, जो स्पष्ट रूप से सदस्य देशों के प्रतिस्पर्धियों के खिलाफ भेदभाव को दिखाता है।“

बागची ने चीन पर कुछ भारतीय एथलीटों के साथ ‘लक्षित और पूर्व-निर्धारित तरीके’ से भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “भारत सरकार को पता चला है कि चीनी अधिकारियों ने लक्षित और पूर्व-निर्धारित तरीके से, अरुणाचल प्रदेश के कुछ भारतीय खिलाड़ियों को चीन के हांगझू में होने वाले 19वें एशियाई खेलों में मान्यता और प्रवेश से वंचित करके उनके साथ भेदभाव किया है। भारत दृढ़ता से निवास या जातीयता के आधार पर भारतीय नागरिकों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार को अस्वीकार करता है। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। भारत सरकार हमारे हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखती है।”

उन्होंने आगे कहा कि इस घटनाक्रम का असर एशियन गेम्स पर पड़ेगा, जो एक साल के बाद चीन में आयोजित हो रहे हैं। पिछले महीने, चीन ने अपने “मानक मानचित्र” का 2023 संस्करण जारी किया था, जिसमें उसने अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन क्षेत्र, ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा जताया था। जिसके बाद भारत ने राजनयिक चैनलों के माध्यम से “कड़ा विरोध” दर्ज कराया और कहा कि ऐसे कदम केवल “सीमा प्रश्न के समाधान को जटिल बनाते हैं।”

केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन की कोशिश को ‘बेतुका दावा’ बताकर खारिज कर दिया था। जयशंकर ने एनडीटीवी डिकोड्स जी-20 कॉन्क्लेव में कहा कि “चीन ने पहले भी ऐसे नक्शे जारी किए हैं जो उन क्षेत्रों पर दावा करते हैं जो चीन के नहीं हैं, जो अन्य देशों के हैं। ये उनकी पुरानी आदत है। यह कोई नई बात नहीं है। इसकी शुरुआत 1950 के दशक में हुई। हम बहुत स्पष्ट हैं कि हमारे क्षेत्र क्या हैं। यह सरकार इस बारे में बहुत स्पष्ट है कि हमें अपने क्षेत्रों की रक्षा के लिए क्या चाहिए। आप इसे बाहरी सीमाओं पर पहले से ही देख सकते हैं। मुझे लगता है कि इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए। बेतुके दावे करने से दूसरे लोगों का क्षेत्र आपका नहीं हो जाता।“

इस साल जुलाई में भारत ने चेंगदू में वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स से अपनी पूरी वुशु टीम को वापस बुला लिया था। ऐसा इसलिए था क्योंकि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के तीन एथलीटों को स्टैंप्ड वीज़ा के बजाय स्टेपल वीज़ा जारी किया था। चीन के इस कदम से नाराज भारतीय अधिकारियों ने कथित तौर पर प्रस्थान से कुछ मिनट पहले बोर्डिंग गेट पर आठ सदस्यीय भारतीय दल को रोक दिया था, जिसमें पांच एथलीट, एक कोच और दो सहायक कर्मचारी शामिल थे।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

You May Also Like

More From Author

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments