नहीं जाग रहे विक्रम लैंडर और प्रज्ञान, इसरो ने नाउम्मीदी की ओर किया इशारा

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दिल्ली। पिछले महीने इसरो द्वारा चंद्रमा के दक्षिणी पोल पर चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिग करवाई गई थी। इसके बाद से ही लगातार इससे जुड़ी खबरें सुर्खियों में बनी हुई हैं। ताजा खबर के अनुसार विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर दोनों सो गए हैं और उठ ही नहीं रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर इसरो के वैज्ञानिक यह उम्मीद कर रहे हैं कि दोनों जल्दी उठें और उनसे संपर्क किया जा सके। इस स्थिति में विक्रम लैंडर और प्रज्ञान के सोने के पीछे का कारण तापमान का बहुत कम होना हो सकता है।
खबरों के अनुसार 20 सितंबर, 2023 को इनके लैडिंग प्वाइंट (शिव शक्ति प्वांइट) पर सूरज उगा था। उसकी रोशनी भी पहुंची लेकिन विक्रम और प्रज्ञान की आंखों पर खास असर देखने को नहीं मिला।

दो सितंबर को विक्रम और प्रज्ञान को सुला दिया गया था। ताकि ल्यूनार नाइट की बुरी परिस्थिति में इलेक्ट्रोन्स को बचाया जा सके। इसी दौरान चंद्रमा का तापमान -250 डिग्री से भी नीचे चला गया। इस स्थिति पर इसरो द्वारा कहा गया कि उन्हें इस बात का भरोसा है कि ऐसी परिस्थिति के बाद भी दोनों 22 सितंबर तक निद्रा अवस्था से जाग जाएंगे। जब सूरज की रोशनी पड़ेगी तो इनकी बैटरी चार्ज हो जाएगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

फिलहाल अभी तक इसरो संपर्क साधने में असमर्थ है और उसका कहना है कि इसके जागने की उम्मीद भी कम है। अगर जाग जाते हैं तो चमत्कार से कम नहीं होगा। लेकिन फिलहाल ऐसा होना मुश्किल लग रहा है। क्योंकि -120 से -240 डिग्री सेल्सियस तापमान में इनमें लगे यंत्रों के सर्किट उड़ने का खतरा था। हो सकता है कि ज्यादा सर्दी होने के कारण इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स सर्दी बर्दाश्त नहीं कर पाए होंगे।

इसरो द्वारा यह भी कहा गया है कि सोने से पहले दोनों की बैटरी फुल चार्ज की गई थी। प्रज्ञान के सोलर पैनल्स सूरज की तरफ थे। ताकि उगते ही सूरज की सीधी रोशनी उस पर पड़े। फिलहाल उम्मीद है कि रोशनी मिलने पर वो फिर से एक्टिव होंगे। शुक्रवार को X पर एक बयान जारी करते हुए इसरो ने कहा कि विक्रम और प्रज्ञान के साथ संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन इसके लिए कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है।

इसरो का कहना है फिलहाल 30 सितंबर तक जब तक चंद्रमा पर सूर्यास्त नहीं होता, तब तक अंतरिक्ष यान से संपर्क करने की पूरी कोशिश की जा रही है। आपको बता दें कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान को सोने की स्थिति में भेजने से पहले इसरो ने एक बयान जारी कर कहा था कि चंद्रयान 3 अपने मिशन तक पहुंच गया है। भारत विश्व का पहला देश बन गया है जिसने साउथ पोल पर लैंडिंग की है। इसके बाद अगर दोनों नहीं भी जागते हैं तो भी वह चांद पर भारतीय चंद्रयान के एम्बेसडर रहेंगे।

हमारी यह उपलब्धि है कि चार देशों की कोशिश के बाद भारत पहला देश है जो यहां तक पहुंच पाया है। इसकी लैंडिंग को पूरी दुनिया में करोड़ों लोगों ने देखा। यह हमारी लिए बहुत बड़ी उपलब्धि के साथ-साथ गर्व का क्षण था।

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